11 अप्रैल 2014 को कैंपस कॉन्सर्ट सीरिज़ के अंतर्गत हैदराबाद विश्वविद्यालय ने अनित सदानंद के हिंदुस्तानी संगीत के एक समारोह का आयोजन किया था. अनित ने पं. रमेश नारायण (तिरुवनंतपुरम्) और पं. रतन मोहन शर्मा (दोनों ही संगीत मार्तंड, पद्मभूषण पंडित जसराज के शिष्य हैं) से संगीत की शिक्षा ग्रहण की है. गायकी के मेवाती घराने से संबंध रखनेवाले अनित हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अपनी खास जगह बना चुके हैं. घंटे भर चले इस गायन समारोह में गायक ने राग जोग (बड़ा ख्याल और छोटा ख्याल), तीनताल और चौताल में राग हंसध्वनि, राग यमन और राग भैरवी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. तबले पर उनका साथ श्री. सुभाष शास्त्री और हार्मोनियम पर श्री. मधुसूदन पाषाण ने दिया.
तुम बिन कैसे कटे, पवन पुत्र हनुमान लला तुम, झीनी रे चदरिया, माही सांवरे और अन्य भजन अनित ने सुनाए.
मेवाती घराने की शुद्धता और नज़ाकत का अनित ने अपनी प्रस्तुति में पूरा खयाल रखा. विविध रागों और तानों पर अपनी पकड़ से उन्होंने दिखा दिया कि वे गायकी के क्षेत्र में बहुत आगे जाने का पूरी क्षमता रखते हैं.
अनित ने बहुत छोटी उम्र से ही संगीत समारोहों में गाना शुरु कर दिया था और वे अब तक भारत में कई प्रस्तुतियाँ दे चुके हैं.