हैदराबाद विश्वविद्यालय WILD LENS समूह परिसर में जैव विविधता के संवर्धन के साथ वन्य जीव संरक्षण के लिए भी काम करता है. यह समूह मूलतः झीलों की साफ-सफाई, मोर, हिरण, स्टार कछुए और साँप, पक्षी आदि के बचाव-कार्य और इन जीवों को ग्रीष्म की तृष्णा से बचाकर उनकी प्यास बुझाने के लिए आवश्यक पानी के टबों की व्यवस्था तथा आग दुर्घटनाओं को नियंत्रित करना जैसे कार्य करता है. इसके अलावा यह समूह हैदराबाद बर्डिंग पाल्स के ज़रिए परिसर में वास करने वाले पक्षियों के प्रकारों की गणना भी करवाता है और शिकारियों और आगंतुकों को पकड़ने में प्रशासन की मदद भी करता है. इसके अतिरिक्त यह परिसर में समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है.

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हर बार हम विकास के नाम पर कुछ पेड़ खो रहे हैं. इसलिए हमने वनस्पति के महत्व पर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से यह अवधारणा पैदा की कि प्रत्येक व्यक्ति, स्त्री हो या पुरुष अपने जन्म दिवस पर एक पौधा लगाए. हैदराबाद विश्वविद्यालय का परिसर समृद्ध वन्य जीवों और अनोखी प्रजातियों के पौधों के कारण शहरी वन क्षेत्र के रूप में विख्यात है. इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति के जन्म दिवस पर पौधा लगाने या वृक्षारोपण करने से परिसर की प्रकृति बनाए रखना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है.

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हमारा कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने जन्म दिवस पर पार्टी के नाम पर कुछ पैसे खर्च करता है, लेकिन हम कुछ ही दिनों में इसे भूल जाते हैं. यदि हम अपने जन्म दिन को कोई पौधा या वृक्षारोपण करेंगे तो हमारी उत्तेजना बढेगी और एक अलौकिक आनंद की अनुभूति भी होगी, साथ में हमारा प्रत्येक जन्म दिन पौधे के रूप में चिरकाल तक यादगार बना रहेगा.

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हमारे इस ‘अपने जन्मदिन पर एक पौधा लगाएँ’ कार्यक्रम को लाइफ साइंसेज संकाय के रिसर्च स्कॉलर श्री. मारुति के जन्मदिन के शुभ अवसर पर 16 जुलाई, 2016 को हैदराबाद विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. पी. अप्पा राव के कर कमलों द्वारा इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इसी प्रकार कुलपति महोदय ने, प्रोफेसर केवीए रमैय्या ने, WILD LENS के संस्थापक श्री. सांबा मूर्ति ने और मैंने (रवि जिल्लापल्ली, 10 अगस्त, को) तेलंगाना राज्य वृक्ष – जम्मी चेट्टु, खेजड़ी और नीम आदि को अपने-अपने जन्म दिवस पर लगाया था. यह कार्यक्रम समुदाय की सक्रिय भागीदारी के साथ सफलतापूर्वक चल रहा है. इस अवसर पर हमें इस कार्यक्रम के लिए पूर्ण रूप से सहायता करने वाले बागवानी विभाग के उद्यान विशेषज्ञ श्री. सी.पी. शर्मा, श्री. सुब्बा राव और सभी कर्मचारियों को हम धन्यवाद देते हैं.

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यह कार्यक्रम परिसर समुदाय में काफी लोकप्रिय हो गया और यह खबर मीडिया में भी छापी गई है. हम अक्सर ग्लोबल वार्मिंग के बारे में खबर देखते हैं, पर हमारे छोटे-से प्रयास से एक परिवर्तन ला सकते हैं. मुझे विश्वास है कि हमारी माँ प्रकृति की रक्षा करना हर किसी की जिम्मेदारी है और हर कोई इस कार्य में हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा.

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इस कार्यक्रम का आरंभ मूल रूप से परिसर की हरियाली में सुधार लाने और इसके ज़रिए वन्यजीव संरक्षण में मदद करने के उद्देश्य से किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत हमने फल देने वाले (100 से अधिक) पेड़ लगाए हैं. इसके फलस्वरूप प्रदूषण स्तर भी नियंत्रित होता है और हमें ताजी हवा भी मिलती है. हमें आशा है कि, इन पेड़ों के फलों को खाने के लिए बड़ी संख्या में पक्षी आएँगे. हमें यकीन है कि, इस कार्यक्रम के द्वारा परिसर की वनस्पतियों में और जीव-जंतुओं की संख्या में भी वृद्धि होगी. हम गर्व से कह सकते हैं कि विश्वविद्यालय के दक्षिण परिसर में विकसित WILD LENS पार्क विश्वविद्यालय में शून्य निवेश के साथ बनाया गया पहला बाग है.

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अंत में, मैं कहना चाहूँगा कि प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है, हमें भी इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए बचाए रखना है. मैं हमेशा इसी दिशा में काम कर रहा हूँ, आशा है कि हर कोई मेरे साथ इस कार्य में शामिल होगा. धन्यवाद.