सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2020 के उपलक्ष्य में हैदराबाद विश्वविद्यालय ने श्री. मनोज अब्राहम, आईपीएस, केरल पुलिस के एडीजीपी और साइबर सुरक्षा खंड के प्रमुख का व्याख्यान आयोजित किया था. व्याख्यान का विषय था – ‘ईमानदारी आज भी सर्वोत्तम गुण है’. श्री. अब्राहम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं.

प्रो. अरुण अग्रवाल, प्रति-कुलपति-1 एवं विश्वविद्यालय के मुख्य सतर्कता अधिकारी ने विश्वविद्यालय द्वारा भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी. आपने ई-गवर्नेंस पोर्टल और डिजिटल प्रमाणपत्रों के बारे में भी जानकारी दी. प्रो. बी. राजशेखर, प्रति-कुलपति-2 ने अतिथि वक्ता का परिचय दिया.

मनोज अब्राहम ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में वर्ष 1991-93 के दौरान अपने एम.ए. अर्थशास्त्र के दिनों को याद किया. आपने कहा कि कोविड-19 के कारण हमारी पूरी जीवनशैली ही बदल गई है, हालाँकि उन्होंने यह भी दोहराया कि यह चुनौती ही व्यवस्था में तीव्र गति से प्रौद्योगिकी के प्रवेश के लिए जिम्मेदार है. श्री. अब्राहम ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने में प्रौद्योगिकी का अनन्यसाधारण महत्व है.

 

वक्ता ने कहा कि समय बहुत बदल गया है. “पुराने दिनों में ईमानदारी एक सर्वसाधारण गुण था, पर अब इसे मूर्खतापूर्ण और अनावश्यक माना जाने लगा है.” अपने आईएएस प्रशिक्षण के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, “जिंदगी की दौड़ में आपको लगेगा कि आप पीछे छूट रहे हैं. पर याद रहे, आपकी प्रतिस्पर्धा बिलकुल अलग है.”

उन्होंने सबसे कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ाई केवल कानून-व्यवस्था का दायित्व नहीं है. उन्होंने व्यक्ति और संस्था के रूप में इस बुराई से निपटने के कुछ उपाय बताए. इस संदर्भ में आपने सरकार के डिजिटल पहल की सफलता को विस्तार से समझाया.

अपने वक्तव्य का समापन श्री. मनोज अब्राहम ने इस अपील के साथ किया कि हम सबको मिलकर भ्रष्टाचार से लड़ना होगा.

सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2020 के दौरान आयोजित विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा भी इस अवसर पर की गई.

27 अक्तूबर-02 नवंबर, 2020 तक मनाए गए सतर्कता जागरूकता सप्ताह का विषय था – सतर्क भारत, समृद्ध भारत. प्रत्येक वर्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती (31 अक्तूबर) सप्ताह में इसे आयोजित किया जाता है.

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