1 जुलाई 2021 को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में राजनीति विज्ञान विभाग ने ‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शताब्दी’ विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया.
पैनलिस्टों में प्रो. मनोरंजन मोहंती (दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के पूर्व प्रोफेसर और चीन के वरिष्ठ विद्वान); डॉ हेमंत अदलखा, सह प्रोफेसर, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशियाई भाषा व साहित्य केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली; डॉ. जबिन थॉमस जैकब, सह प्रोफेसर, अंतरराष्ट्रीय संबंध और सरकार विभाग, शिव नाडर विश्वविद्यालय; डॉ. श्रीपर्णा पाठक, सह प्रोफेसर, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, हरियाणा; और डॉ. पेट्रीसियो गिउस्टो, सह प्रोफेसर, अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र, पांटिफिकल यूनिवर्सिटी आफ अर्जेंटीना इत्यादि शामिल थे. पैनल चर्चा का समन्वय डॉ. भीम बहादुर सुब्बा ने किया और इसकी अध्यक्षता प्रो. अलका आचार्य, पूर्व-एशिया अध्ययन केंद्र, अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संकाय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने की. अपनी परिचयात्मक टिप्पणी में, विभाग के अध्यक्ष प्रो. खाम खान सुआन हाउजिंग ने वेबिनार में भाग लेने वाले सभी पैनलिस्टों के साथ-साथ है.वि.वि. समुदाय और अन्य संस्थानों के प्रतिभागियों का स्वागत किया.
पैनलिस्टों ने इतिहास, उद्देश्यों, स्वदेशी और विदेशी नीतियों में परिवर्तन और निरंतरता तथा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के सामने वर्तमान चुनौतियों और पार्टी की स्थिति संबंधी विभिन्न पहुलुओं पर ध्यान केंद्रित किया. प्रो. मोहंती ने 20वीं सदी में पार्टी के मूल वैचारिक मिशन और व्यापक समाजवादी राजनीति के संदर्भ में सीसीपी की उपलब्धियों और समस्याओं का आकलन किया. उन्होंने कहा कि “सीसीपी की राजनीति की प्रकृति उत्पीड़न से मुक्ति, सभी के लिए बेहतर जीवन और विकास की गुणवत्ता प्राप्त करना समाजवादी एजेंडे को दर्शाती है. साथ ही, समकालीन काल में व्यक्तिगत और क्षेत्रीय आय असमानताएँ, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों को झेलना भी.
डॉ. हेमंत अदलखा की प्रस्तुति ने चीनी शिक्षा, सोशल मीडिया और वेब में चीनी समाज में पार्टी की भूमिका, इतिहास और सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं के उथल-पुथल भरे दौरों के परिणामस्वरूप हुए परिवर्तनों और परस्पर विरोधी विचारों और विश्वदृष्टि पर होने वाली वर्तमान बहस पर प्रकाश डाला. डॉ. याकूब ने अर्थव्यवस्था में पार्टी की भूमिका पर बात की, और ‘पार्टी के स्थायी शासन के लिए अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण की केंद्रीयता’ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर जोर दिया. उनकी प्रस्तुति से पता चलता है कि किस तरह से पार्टी एक जटिल अर्थव्यवस्था को नियंत्रित और प्रबंधित करती है. डॉ. श्रीपर्णा पाठक ने पार्टी की भूमिका और गरीबी उन्मूलन के प्रयासों, उपलब्धियों और समस्याओं पर जोर दिया. हालांकि, गरीबी उन्मूलन को पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक माना गया है, यह अभी भी पार्टी के लिए विशेष रूप से चीन के भीतरी इलाकों में यह स्थायी चुनौतियों में से एक है. अंतिम वक्ता, अर्जेंटीना के डॉ. गिउस्टो ने सुधारों को संस्थागत बनाने में पार्टी की सफलता का विश्लेषण किया, जो शासन के समग्र लचीलेपन और पार्टी-राज्य के बाहरी व्यवहार में प्रकट हुआ है.
150 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की तथा पैनल चर्चा के बाद प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन हुआ. सुश्री सौम्या नायक, सहायक प्रोफेसर, एशियाई भाषा विभाग (चीनी), ईएफएल विश्वविद्यालय ने सभी पैनलिस्टों, आयोजन विभाग और उपस्थित लोगों को धन्यवाद प्रस्तावित कर चर्चा का समापन किया.
श्री. देवेंद्र कुमार, राजनीति विज्ञान विभाग, समाज विज्ञान संकाय, हैदराबाद विश्वविद्यालय में पीएच. डी शोधार्थी के सहयोग से यह रिपोर्ट प्रस्तुत.