हैदराबाद विश्वविद्यालय सरोजिनी नायडू संकाय, कला-संचार एवं ललित कला विभाग ने यूजीसी विशेष सहायता कार्यक्रम (एसएपी) के तहत दृश्य संस्कृति पर प्रमुख शास्त्रीय संगीतकार एवं पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय, अमेरीका के (संगीत) सहायक प्रोफेसर पद पर कार्यरत डॉ. शालिनी अय्यागारी की अध्यक्षता में ‘स्माल वॉइसेस सिंग बिग साँग्स: म्यूजिक एंड द डेवलपमेंट इमेजिनरी इन वेस्टर्न राजस्थान’ पर एक चर्चा-गोष्ठी का आयोजन किया.
अपने व्याख्यान में डॉ. शालिनी ने पश्चिमी राजस्थान के समकालीन क्षेत्रीय संगीत विकास की विभिन्न प्रथाओं, सामुदायिक निर्माण और संस्थानीकरण आदि के बारे में बात की.
विश्वविद्यालय स्तर पर उन्नत शिक्षा के विशिष्ट क्षेत्रों में अनुसंधान एवं उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के क्रम में तथा अंतरराष्ट्रीय मानकों की प्राप्ति में तेजी लाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विशेष सहायता कार्यक्रम (एसएपी) का आरंभ किया.
डॉ. शालिनी अय्यागारी दक्षिण एशियाई संगीत की ज्ञाता के रूप में ख्यात हैं. आपने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय संगीत को उपनिवेशवादोत्तर, परदेश अध्ययन और बॉलीवुड फिल्म संगीत के बीच संबंधों का अनुसंधान किया है. आपकी प्रस्तुत पुस्तक परियोजना सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास और मांगनियार पर है. मांगनियार राजस्थान की एक जाति है जो अपने समुदाय द्वारा सदियों से अपनी आजीविका के लिए वंशानुगत संगीतकारों के रूप में संगीत को बनाए रखते हुए उसका संरक्षण कर रही है.
बी कार्तिक द्वारा
संचार विभाग
पक – प्रणय रूपानी