हैदराबाद विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभाग ने 1 जुलाई, 2015 को विकास अध्ययन संस्थान मद्रास, चेन्नई के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एस. आनंदी के व्याख्यान ‘जाति और विकास : मानव विकास में तमिलनाडु के दलित महिलाओं की सक्रियता’ से अपने नए शैक्षणिक वर्ष की शुरूआत की. यह व्याख्यान उत्तरी तमिलनाडु के एक गाँव में लिंग विविधता को पार कर दलित महिलाओं द्वारा खेतों के लिए किए गए संघर्ष पर आधारित है. यह समकालीन भारत की राजनीति के विकास का द्योतक है.

इस संदर्भ में वक्ता ने ज़ोर देकर कहा कि इससे पहले समकालीन राजनीति के विकास के संदर्भ में नागरिक समाज की सक्रियता पर सभी ने ज़ोर दिया, परंतु भेदभाव को झेलती दलित महिलाओं के राजनैतिक संघर्षों पर बहुत कम ध्यान दिया गया. आगे उन्होंने कहा कि विकास के संबंध में सरकार का कहना है कि – विकास की आधुनिक प्रक्रिया जाति और लिंग के मुद्दों के साथ जुड़ी है. वक्ता ने बताया कि दलित महिलाओं में मुख्य रूप से सहनशीलता, गरीबी और असमानता का प्रभाव कई गुना ज्यादा है.

डॉ. एस. आनंदी ने ऐतिहासिक अध्ययन केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से इतिहास विभाग से पीएचडी की. उनके अनुसंधान एवं अध्ययन का क्षेत्र है – लिंग, जाति और राजनैतिक पहचान, महिलाओं के विशेष संदर्भ में.