.उच्च ऊर्जा पदार्थ उन्नत अनुसंधान केंद्र (अक्रहम) में सहायक प्रोफेसर के रूप में सेवारत डॉ. जी.एस. वैतीश्वरन को पदार्थ की इलेक्ट्रॉनिक संरचना को समझने में उनके योगदान के लिए अत्यंत प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री (लंदन) में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.
डॉ. वैतीश्वरन ने अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई से पीएच.डी. की और वे सॉलिड स्टेट थ्योरी, कम्प्यूटेशनल मटीरियल साइंस, लॅटिस डायनेमिक्स, हाई प्रेशर स्टडीज आदि के क्षेत्रों में कार्यरत हैं.
उन्हें सॉलिड स्टेट फिजिक्स में उनके योगदान के लिए वर्ष 2012 के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा यंग अचीवर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.
दि रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री (आर.एस.सी.) ब्रिटेन में “रासायनिक विज्ञान को आगे बढ़ाने” के लक्ष्य के साथ स्थापित एक विद्वान सोसाइटी (प्रोफेशनल एसोसिएशन) है. यह सन 1980 में केमिकल सोसायटी, दि रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ कैमिस्ट्री, दि फैराडे सोसाइटी और दि सोसाइटी फॉर एनलिटिकल केमिस्ट्री को मिलाकर एक नए राजकीय घोषणापत्र के साथ बनी जिसमें विद्वान सोसायटी और पेशेवर संस्था की दोहरी भूमिका है. स्थापना के समय इसमें ब्रिटेन की 46,000 और विदेश 8,000 सदस्य थे. सोसाइटी का मुख्यालय बर्लिंगटन हाउस, पिकैडली, लंदन में है. संगठन द्वारा अनुसंधान, पत्रिकाओं, पुस्तकों और डेटाबेस का प्रकाशन कराया जाता है साथ ही सम्मेलनों, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाता है.
यह ब्रिटेन में रसायन विज्ञान के लिए पेशेवर निकाय है जो चार्टर्ड केमिस्ट (सीकेम) की दर्जा प्रदान करने का अधिकार रखता है. यह विज्ञान परिषद के माध्यम से उपयुक्त योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों को चार्टर्ड वैज्ञानिक (सीएससीआई), पंजीकृत वैज्ञानिक (आरएससीआई) और पंजीकृत विज्ञान तकनीशियन (आरएससी टेक) इत्यादि पुरस्कार प्रदान करने का अधिकार रखता है. एफआरएससी पदनाम संघ के निर्वाचित सदस्यों के एक समूह को दिया जाता है, जिसने रसायन शास्त्र और जैविक रसायन शास्त्र जैसे अन्य अंतर-विषयपरक कार्यक्रमों में विशिष्ट योगदान किया है. दि टाइम्स (लंदन) में प्रत्येक वर्ष सदस्यों के नाम प्रकाशित किए जाते हैं. रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए सोसाइटी के मानद फैलोशिप (माननीय एफआरएससी) से सम्मानित किया जाता है.