हैदराबाद विश्वविद्यालय में प्रैट एवं विटनी पीठासीन प्रोफेसर डॉ. के. भानु शंकर राव, को डॉ. कोंडल राव स्मारक पुरस्कार के लिए चुना गया है. मिश्रा धातु निगम लिमिटेड (मिधानी), हैदराबाद के सभागार में डॉ. दशरथ, निदेशक, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ); डॉ. एस.के. झा, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, मिधानी और डॉ. जयतीर्थ जोशी, परियोजना निदेशक, डीआरडीएल और अध्यक्ष, इंडियन सोसाइटी फॉर नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग (आईएसएनटी) हैदराबाद शाखा ने उन्हें सम्मानित किया.

इस अवसर पर, डॉ. भानु शंकर राव ने Indigenous Development of Ferritic-Martensitic Steels and Fabrication Technologies for Fusion Reactor (ITER) पर प्रभावी व्याख्यान दिया, जिसके सीधे ऑनलाइन प्रसारण को 400 लोगों ने सुना.

डॉ. के. भानु शंकर राव ने वर्ष 2009 में निमंत्रण पर हैदराबाद विश्वविद्यालय में कार्य ग्रहण किया और 2009 से 2012 तक प्रोफेसर और डीन का कार्यभार संभाला. उनके मार्गदर्शन में, पदार्थ इंजीनियरिंग, विनिर्माण प्रक्रिया विकास और नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उत्कृष्ट स्नातकोत्तर शिक्षा और अनुसंधान पाठ्यक्रमों के साथ इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय (एसईएसटी) की स्थापना की गई. उन्होंने उद्योग में अनुप्रयोग के लिए संबंधित बुनियादी शोध कार्य करने पर बल दिया है. हाल ही में आपने भारतीय आर.ए.एफ.एम स्टील के लिए फ्रिक्शन स्टिर वेल्डिंग तकनीक विकसित करने में एस.ई.एस.टी के संकाय-सदस्यों और छात्रों को सहयोग दिया. उनके सभी शोध कार्य महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए घटकों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में थे.

डॉ के भानु शंकर राव के बारे में –

डॉ. भानु शंकर राव एक समर्पित शोधकर्ता हैं और उच्च तापमान पदार्थ के विकास, उनकी निर्माण तकनीकों और उनके भौतिक एवं यांत्रिक धातु विज्ञान के मूल्यांकन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्ञात विशेषज्ञ हैं. डॉ. राव ने 1977 से 2009 तक इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र, कल्पक्कम में परमाणु ऊर्जा विभाग (डी.ए.ई.) में काम करते हुए भारत में फास्ट ब्रीडर रिएक्टर प्रौद्योगिकी के विकास के लिए धातु विज्ञान में उत्कृष्ट अनुसंधान एवं विकास में सहायता प्रदान की. डॉ. राव ने फास्ट ब्रीडर रिएक्टरों के लिए संरचनात्मक, कोर और भाप जनरेटर सामग्री के विकास के लिए महत्वपूर्ण और उत्कृष्ट अनुसंधान में योगदान दिया है तथा फ्रांस में बनाए जा रहे इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एकसपरिमेंटल रिएक्टर (ITER) के भारतीय परीक्षण समच्छाद मॉड्यूल के लिए कम सक्रियण फेरिटिक-मार्टेंसिटिक स्टील्स के विकास की प्रक्रिया में भी सक्रिय हैं.

डॉ. भानु शंकर राव पदार्थ इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में विश्व स्तर के अनुसंधान में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने 2016 में भारतीय धातु संस्थान से प्लेटिनम पदक (सर्वोच्च पुरस्कार) प्राप्त किया, 2012 में अनुसंधान और अकादमिक श्रेणी में इस्पात मंत्रालय से राष्ट्रीय धातुकर्मी पुरस्कार, 1995 में इस्पात मंत्रालय से सर्वश्रेष्ठ धातुकर्मी पुरस्कार, 2004 में भारतीय धातु संस्थान से जीडी बिड़ला स्वर्ण पदक, 1991 में बिनानी स्वर्ण पदक, वर्ष 2000 और वर्ष 2004 में भारतीय धातु संस्थान से एस.ए.आई.एल. स्वर्ण पदक प्राप्त किया. 1994 में अंतरिक्ष पदार्थ से संबंधित कई महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने की दिशा में उनकी सराहनीय उपलब्धियों के लिए उन्हें यूएसए के नासा एप्रिसिएशन अवार्ड से सम्मानित किया गया था. उपरोक्त के अलावा, उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेल्डिंग एंड मैटेरियल्स रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिया से कई पुरस्कार प्राप्त किए.

डॉ निडमर्ति कोंडल राव के बारे में –

डॉ. निडमर्ति कोंडल राव ने परमाणु ईंधन परिसर (एनएफसी) हैदराबाद में परमाणु निर्माण सुविधाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा 1975 से लेकर 1984 में अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख तक इसके प्रथम मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे. डॉ. राव के विविध नवाचार और उल्लेखनीय योगदान ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद की. इंडियन सोसाइटी फॉर नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग (ISNT) द्वारा हर साल 15 जुलाई को डॉ. कोंडल राव स्मारक व्याख्यान का आयोजन किया जाता है और इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक को सम्मानित किया जाता है. आई.एस.एन.टी. हैदराबाद शाखा ने वर्ष 2020 के लिए पदार्थ इंजीनियरिंग विज्ञान प्रोद्योगिकी संकाय, हैदराबाद विश्वविद्यालय में प्रैट एवं विटनी पीठासीन प्रोफेसर डॉ. भानु शंकर राव को डॉ. एन. कोंडल राव स्मारक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.