प्रतिभाशाली डॉ. पी. रोहित की अब तक की यात्रा प्रेरणादायक रही है तथा उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप अब वे महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोट्टायम, केरल में साहित्य संकाय में सह-प्रोफेसर के रूप में नया कार्यभार का ग्रहण कर रहे हैं. डॉ. पी. रोहित हैदराबाद विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त करनेवाले सबसे पहले दृष्टिबाधित छात्र हैं.
डॉ. रोहित ने प्रोफेसर के. नारायण चंद्रन जी के कुशल निर्देशन में ‘The Silent Valley and its Discontents: Literary Environmentalism and the Ecological Discourse in Kerala (1975-84)’ विषय पर अपना शोध-प्रबंध प्रस्तुत किया तथा मई 2010 में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने शोध-प्रबंध में 1970 से लेकर 1980 तक दशक के दौरान केरल में साइलेंट वैली जल विद्युत परियोजना निर्माण के सफल विरोधी अभियान में मलयाली लेखकों की महत्वपूर्ण भूमिका की जानकारी विस्तार से दी. शोध-प्रबंध में यह भी उल्लेख किया गया है कि साइलेंट वैली जल-विद्युत परियोजना के खिलाफ अभियान एक पारिस्थितिक आंदोलन के रूप में उभरने के बावजूद, उसको सशक्त, निरंतर और लोकप्रिय बनाने में सक्रिय साहित्यिक भागीदारी रही है.
डॉ. रोहित वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय से पुनर्ग्रहणाधिकार (लियन) पर हैं जहाँ वे वर्ष 2009 से अध्यापन का कार्य कर रहे हैं.