पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान संकाय की प्रस्तावित स्थापना के उपलक्ष्य में हैदराबाद विश्वविद्यालय ने 24.12.2014 को स्थापना दिवस व्याख्यान आयोजित किया था. इस कार्यक्रम का आरंभ मंगलाचरण के साथ किया गया. तदुपरांत हैदराबाद विश्वविद्यालय के सम-कुलपति प्रो. ई. हरिबाबू ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत किया. इस अवसर पर उन्होंने पृथ्वी प्रणाली विज्ञान की अंतःविषय प्रकृति और सामाजिक आवश्यकताओं के बारे में बताया. विशेष रूप से सामाजिक विज्ञान में पानी के क्षेत्र के महत्व पर बल दिया.
इस अवसर पर यूसीईएसएस केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. वी. चक्रवर्ती ने केंद्र के वर्तमान शैक्षणिक एवं शोध कार्यक्रमों की जानकारी दी. प्रो. एस. के. टंडन, आईआईटी-कानपुर; डॉ आर.एन. सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईएनएसए; श्री पी. एस. परिहार, निदेशक, एएमडी; डॉ वाई.जे. भास्कर राव, निदेशक, सीएसआईआर-एनजीआरआई; डॉ. एस.एस.सी. शेणॉय, निदेशक, आईएनसीओआईएस तथा प्रो. एस. चतुर्वेदी, भौतिकी संकाय अध्यक्ष आदि ने वैश्विक, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में पृथ्वी प्रणाली विज्ञान की बहु अनुशासनिक प्रकृति के सतत विकास तथा उसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के सभी निदेशकों ने पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान संकाय के स्थापना के लिए हैदराबाद विश्वविद्यालय के द्वारा की गई पहल का स्वागत करते हुए केन्द्र द्वारा आयोजित समस्त शैक्षणिक और शोध कार्यक्रमों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है.
इस संदर्भ में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव डॉ. शैलेश नायक ने ‘पृथ्वी प्रणाली विज्ञान मॉडलिंग और सेवा’ पर स्थापना दिवस व्याख्यान प्रस्तुत किया. आगे उन्होंने पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के क्षेत्र में और उसके अनुप्रयोग क्षेत्र जैसे कृषि, विमानन, मत्स्य, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु मॉडलिंग, संसाधन-अन्वेषण, प्राकृतिक खतरों की भविष्यवाणी एवं पूर्व चेतावनी प्रणाली माध्यम और पृथ्वी की जाँच जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हो रही तीव्र प्रगति की झाँकी प्रस्तुत की.
विश्वविद्यालय के प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो. वी. एस. कृष्णा के धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम संपन्न हुआ.