हैदराबाद विश्वविद्यालय, सामाजिक विज्ञान संकाय के समाजशास्त्र विभाग ने इंडिया आब्जर्वेटरी अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान लंदन स्कूल (एलएसई), लंदन के सहयोग से 12 और 13 अगस्त, 2016 के दौरान यूजीसी-यूकेआईईआरआई [ब्रिटेन-भारत शिक्षा एवं अनुसंधान पहल] कार्यक्रम के तहत ‘डोमेस्टिक वॉटर गवर्नेंस इन इंडिया’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया.
इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता हैदराबाद विश्वविद्यालय, सामाजिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. के.के. मिश्रा ने की. उन्होंने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी पर जीवन निर्वाह के लिए आवश्यक संसाधनों में पानी परमावश्यक है, किन्तु बदलती परिस्थितियों के कारण पेयजल का निर्वाह भी संकट में पड़ रहा है. आगे उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि संभावना है कि पानी के मुद्दों को लेकर भविष्य में तीसरा विश्व युद्ध भी हो सकता है.
हैदराबाद विश्वविद्यालय के सम कुलपति प्रो. बी.पी. संजय ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि आज दक्षता प्राप्त करने के नाम पर पानी और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं का निजीकरण किया जा रहा है, हालाँकि अनुभवजन्य वास्तविकताएँ साबित कर रहीं हैं कि इन सेवाओं के निजीकरण से बड़े स्तर पर इसकी स्थिति में शायद ही कुछ सुधार हुआ है. इस सदर्भ पर प्रो. संजय ने कार्यशाला की सामयिक प्रासंगिकता को दोहराया और कहा कि पानी की कमी हमारे विश्वविद्यालय स्तर पर भी एक चुनौती के रूप में उभर आई, जिसके कारण विश्वविद्यालय को अपने शैक्षणिक कैलेंडर को पुनर्निर्धारित करने के लिए मजबूर किया.
हैदराबाद विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभाग के संकाय एवं यूजीसी-यूकेआईईआरआई परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. सत्याप्रिया राउत ने इस सदर्भ में कार्यशाला के लक्ष्यों पर प्रकाश डाला. इस कार्यशाला में भारत आब्जर्वेटरी, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल (एलएसई), लंदन, यूके के सह-निदेशक प्रो. रुथ कट्रटूमूरी ने भी भाग लिया. उद्घाटन सत्र का समापन हैदराबाद विश्वविद्यालय, समाजशास्त्र विभाग के डॉ. सी. राघव रेड्डी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ.