है.वि.वि. ने स्नातकोत्तर छात्रों की व्यक्तिगत कक्षाओं के लिए चरणबद्ध वापसी शुरू की है. कुलपति महोदय ने विज्ञान संकाय / एस.एन. संकाय के लगभग 148 अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को – जिनका पिछला सत्र पूरा नहीं हो पाया या जिनका अंतिम सत्र स्थगित कर दिया गया – प्रयोगशाला / अभ्यास पाठ्यक्रमों को पूरा करने के लिए परिसर में बुलाने की टास्क फोर्स की सिफारिशों को अनुमति दे दी. वापसी छात्रों की सूची संबंधित शैक्षणिक इकाइयों ने बनाई.

प्रो. विनोद पावराला की अध्यक्षता में कृत्य-दल (टास्क फोर्स) कोविड-19 (नए रूपांतरण सहित) की मौजूदा स्थिति और टीकाकरण के संभावित रोल-आउट की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है और भारत सरकार और तेलंगाना सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे अनलॉक दिशा-निर्देशों का पालन भी कर रहा है. इसके अलावा, परिसर में (आईआईटी-मद्रास की तर्ज पर) महामारी के प्रकोप के जोखिम, छात्रों के संगरोध / अलगाव के लिए हमारी सीमित सुविधाएँ और छात्रावास पर यूजीसी के दिशानिर्देश को ध्यान में रखते हुए, कृत्य-दल ने कैंपस में छात्रों की वापसी के लिए एक क्रमिक / चरणबद्ध योजना बनाई है. विश्वविद्यालय ने पहले से ही अध्ययन के विभिन्न संकायों में 320 से अधिक अनुसंधान विद्वानों (एम.फिल. और पीएच.डी.) के परिसर में वापसी को अनुमति दी है ताकि उन्हें प्रायोगिक कार्य के साथ-साथ उनके शोध को समय पर प्रस्तुत करने में सुविधा हो. मास्टर के छात्रों के बैच के लिए चल रहे एक पूर्ण-सत्र को सफलतापूर्वक ऑनलाइन पूरा कर लिया है और पहले सत्र की कक्षाओं को भी ऑनलाइन शुरू किया है.

आज घोषित इस नवीनतम चरण में, कृत्य-दल ने उन शैक्षणिक इकाइयों की प्रयोगशाला / अभ्यास की आवश्यकताओं पर विचार किया जिन्हें जून 2021 में छात्रों के स्नातक होने से पहले पूरा करने की आवश्यकता है, तदनुसार लगभग 148 छात्रों की वापसी को प्राथमिकता दी गई. यह एक क्रमिक प्रक्रिया की शुरुआत है और उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों तक यह जारी रहेगी, जैसे-जैसे कोविड-19 के साथ स्थिति में सुधार होने लगता है और सरकार उच्च शिक्षा गतिविधियों को प्रारंभ के लिए दिशा-निर्देश जारी करती है. हैदराबाद विश्वविद्यालय उम्मीद करता है कि सामान्य शैक्षणिक कार्यों में वापसी की सुविधा अधिकांश छात्रों को दी जाए.

कुलपति महोदय ने सामाजिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, मानविकी, प्रबंधन, और एस.एन. संकाय के संकाय-सदस्यों और छात्रों से अनुरोध किया है कि वे इसे एक प्रक्रिया के रूप में देखें जिससे हम दूसरों की तुलना में कुछ छात्रों की तत्काल जरूरतों को प्राथमिकता दे सकें. ऐसा नहीं है कि हम उन भारी कठिनाइयों को नहीं समझते हैं, जो ऑनलाइन विषयों के साथ छात्रों को झेलनी पड़ रही हैं. हम मानते हैं कि भारतीय संदर्भ में, कक्षा शिक्षण का कोई संतोषजनक विकल्प नहीं है और वास्तविक कक्षाएँ केवल एक अस्थायी उपाय है. विश्वविद्यालय ने डिजिटल लाइब्रेरी संसाधनों के लिए रिमोट एक्सेस की सुविधा और जरूरतमंद छात्रों के लिए डिजिटल एक्सेस अनुदान को लागू करके कुछ समस्याओं को कम करने की कोशिश की है. मौजूदा शिक्षण के लिए विस्तृत शिक्षण और मूल्यांकन दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं. प्रभावी ऑनलाइन शिक्षण के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण की पेशकश की गई है और एक शिक्षण प्रबंधन प्रणाली बनाई गई है. देश के कुछ ही केंद्रीय विश्वविद्यालय इस संकट की अवधि में अकादमिक गतिविधियों को पुन: प्रारंभ कर पाए हैं.

फिलहाल सभी छात्रों के लिए (जिन्हें व्यावहारिक कारणों के लिए परिसर में लौटने की अनुमति दी जा रही है, उनके समेत) सैद्धांतिक कक्षाएँ ऑनलाइन जारी रहेंगी. अपनी योजनाओं को लागू करने में सहयोग के लिए विश्वविद्यालय समुदाय को धन्यवाद देते हुए, कुलपति महोदय ने परिसर में एक क्रमिक और सुरक्षित वापसी का आग्रह किया ताकि छात्रों, संकाय-सदस्यों और कर्मचारियों की स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के प्रति जोखिमों को कम किया जा सके.