हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अप्पा राव पोदिले को आंध्र प्रदेश के तिरुपति में 3 जनवरी, 2017 को भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन (आईएससीए) की 104वीं वार्षिक बैठक के उद्घाटन सत्र में प्रतिष्ठित ‘मिलेनियम प्लैक्स ऑफ ऑनर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के माननीय राज्यपाल श्री. ई.एस.एल. नरसिम्हन, आंध्र प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री श्री. एन. चंद्रबाबू नायडू, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माननीय मंत्री श्री. हर्ष वर्धन, तथा आंध्र प्रदेश राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान के माननीय मंत्री श्री वाई.एस. चौधरी आदि अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री. नरेन्द्र मोदी ने प्रो. अप्पा राव को यह पुरस्कार प्रदान किया.
आईएससीए देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के लिए आजीवन महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को उनके सम्मान में यह पुरस्कार देता है. आईएससीए ने अपने प्रशंसा पत्र में लिखा है कि विभिन्न बाधाओं के बावजूद देश की सेवा के लिए समर्पित वैज्ञानिकों के प्रति अपना आभार अभिव्यक्त करने हेतु यह पुरस्कार दिया जा रहा है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रो. अप्पा राव की सराहना करते हुए लिखा है – उन्होंने संस्था तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. प्रो. अप्पा राव जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा निर्मित ‘बायो एजेंट्स फॉर एग्रीकल्चर’ टास्क फोर्स के और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा निर्मित ‘वनस्पति विज्ञान’ कार्यक्रम सलाहकार समिति के सदस्य हैं. आपका समूह जैविक अणुओं के संश्लेषण के नवीन दृष्टिकोणों के उपयोग पर कार्य कर रहा है जो पौधों में सहज प्रतिरक्षा के उत्प्रेरण में मदद करता है. आपके सफल शोधों ने पौधों के रस का शोषण करने वाले बैक्टीरिया की क्षमता को कम कर बेहतर स्वास्थ्यवर्धक पौधों की वृद्धि की है. दूसरे प्रमुख आविष्कार के रूप में काइटिन की मदद से पौधों के अनेक किस्म के रोगों से फसलों की रक्षा करने की है. प्रो. अप्पा राव जी की प्रयोगशाला ने केवल पौधों की बाहरी प्रतिरोधिता को ही महत्व नहीं दिया, बल्कि पौधों के संरक्षण के लिए आवश्यक गैर-रासायनिक तरीकों को भी विकसित किया है.
प्रो. अप्पा राव जी की प्रयोगशाला ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा ‘टाटा इनोवेशन फैलोशिप’ के रूप में आर्थिक समर्थन पाया है. इसके साथ ‘Nano3Bio’ परियोजना के तहत यूरोपीय संघ द्वारा FP7 का अनुदान भी पाया है. प्रो. अप्पा राव तीन राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियों के फेलो के रूप में चुने गए हैं. आपके कई छात्र भारत और यूरोप के अनेक प्रतिस्पर्धात्मक पुरस्कार हासिल कर चुके हैं.