हैदराबाद विश्वविद्यालय में 7 अप्रैल, 2015 को कौशल आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए चॉइस आधारित क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) और क्रेडिट फ्रेमवर्क (सीएफएस) पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के उपाध्यक्ष प्रो. एच. देवराज ने उच्च शिक्षण संस्थानों में समाज एवं छात्रों की वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम में और शिक्षण विधियों में आधुनिक पद्‌धतियों को अपनाने और छात्रों के मूल्यांकन के लिए अत्याधुनिक ग्रेड आधारित मूल्यांकन पद्‌धति को अपनाने की जरूरत पर बल दिया. इस संदर्भ में उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण उपायों पर भी प्रकाश डाला. इस अवसर पर उन्होंने सोदाहरण समझाया कि पारंपरिक मूल्यांकन पद्‌धति से ग्रेडिंग प्रणाली किस प्रकार बेहतर है. भारत और विदेशों के शीर्ष संस्थानों का उल्लेख करते हुए परीक्षाओं में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर संचित CGPA की कंप्यूटिंग ग्रेडिंग प्रणाली में वांछित एकरूपता लाने के लिए योग्य पद्‌धतियों पर दिशा-निर्देश दिया. विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति करने का आग्रह किया.

UGC

यह कार्यशाला तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में स्थित विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों के लाभार्थ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा आयोजित की गई. इस कार्यशाला में केंद्र, राज्य और मानित विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों और स्वायत्त कॉलेजों के प्राचार्यों सहित लगभग 90 प्रतिभागियों ने भाग लिया.

इस अवसर पर हैदराबाद विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एवं विश्वविद्यालय नोडल अधिकारी प्रो. वी. कृष्णा ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया. कार्यशाला के उद्‌देश्यों के बारे में बताते हुए भारतीय उच्च शिक्षा को मजबूत करने तथा इसमें गुणवत्ता लाने तथा सीबीसीएस और सीएफएस को लागू करने के लिए सरकार द्वारा की जा रही पहल का ब्यौरा भी दिया.

इस कार्यशाला का उद्घाटन हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ई. हरिबाबू ने किया. इस अवसर पर बात करते हुए प्रो. ई. हरिबाबू ने बताया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय ने हाल ही में राष्ट्रपति द्वारा सर्वश्रेष्ठ केन्द्रीय विश्वविद्यालय का पुरस्कार प्राप्त किया है. आगे उन्होंने बताया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय सीबीसीएस और सीएफएस को बहुत पहले ही लागू कर चुका है, जिसके फलस्वरूप विश्वविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ रहा है.

UGC3

बाद में यूजीसी के विशेषज्ञों प्रो. एम.पी. महाजन और डॉ. आर.एस. राठौड़ ने कौशल आधारित वोकेशनल कोर्सेज में पाठ्यक्रम पहलुओं तथा मूल्यांकन के मानदंडों और क्रेडिट फ्रेमवर्क प्रणाली पर बात की. जबकि यूजीसी शिक्षा अधिकारी डॉ. निखिल कुमार ने कौशल आधारित योजनाएँ और क्रेडिट सिस्टम पर बात की. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) से श्रीमती शशि किरण ने कौशल आधारित प्रशिक्षण पर एक परिचयात्मक प्रस्तुति दी. कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इस चर्चा में भाग लिया. कार्यक्रम के अंत में डॉ. रेणु बत्रा यूजीसी के संयुक्त सचिव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया.