Dignitaries lighting the lamp at the inaugural session of the seminar

हैदराबाद विश्वविद्यालय स्वास्थ्य मनोविज्ञान केन्द्र ने अपने छठे स्थापना दिवस पर मोटापा : समसामायिक समस्या और चुनौतियाँ नामक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया ।  यह संगोष्ठी मोटापे से संबंधित जौव मनोविज्ञानिक मुद्दों पर चर्चा के लिए इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को एकत्र करती है ।

इस संगोष्ठी का उद्घाटन श्री.एल.वी. सुब्रह्मण्यम, आई.ए.एस. स्वास्थ्य विभाग, आन्ध्र प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव ने किया ।  इस अवसर पर उन्होंने बताया कि मोटापा  अधिकतर शहरी लोगों की समस्या है ।  उन्होंने मोटापे से युक्त लोगों की जरूरतों को पूरा करने पर ज़ोेर दिया ।  साथ में उन्होंने वज़न कम करने के पक्ष में दिए जानेवाले विज्ञापनों के दावे को सत्यापित करने के लिए आगाह किया ।  मोटापा संज्ञानात्मक कार्य से संबंधित गंभीर मनोवौज्ञानिक एवं व्यक्तित्व से संबंधित समस्या है ।  उन्होंने स्वास्थ्य मनोवौज्ञानिकों को सलाह दी कि वे मोटापे को कम करने के लिए भोजन-संबंधी विषयों पर नियंत्रण रखने के साथ-साथ उनके आत्म सम्मान को बनाए रखने तथा उन्हें खेलने के लिए प्रेरित करने के लिए अधिक ध्यान देने को कहा ।

Prof. E Haribabu, Pro VC, UoH felicitating Shri L V Subramanyam

प्रो.बी.सी. मुत्तय्या ने अपने व्याख्यान में कहा कि देश को स्वास्थ्य मनोवौज्ञानिकों की ज़रूरत है ।  आगे कहा कि यह केन्द्र इस क्षेत्र में 80 से अधिक शोध-पत्र और तीन किताबें प्रकाशित  कर इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण  भूमिका निभा रहा है ।

इस समारोह की अध्यक्षता हैदराबाद विश्वविद्यालय के सम-कुलपति प्रो.ई. हरिबाबू ने की ।  केन्द्र के संस्थापक, निदेशक एवं संगठन मंत्री प्रो. मीना हरिहरन ने (स्वास्थ्य मनोविज्ञान के क्षेत्र में ) इस केन्द्र के योगदान के बारे में बताया ।

इस संगोष्ठी के संयोजक डॉ.जी. पद्मजा और डॉ. सुवाशीश राणा थे ।  इस संगोष्ठी में देश भर से 50 से अधिक प्रतिनिधियों से शोध पत्र प्राप्त हुए ।