हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र अक्षरा नामक परियोजना के द्वारा सरकारी पाठशालाओं के छात्रों को पढ़ा रहे हैं । 

 भारत में आज भी 4% बच्चों ने अभी तक विद्यालय में कदम तक नहीं रखा ।   58% बच्चों ने प्राथमिक शिक्षा तक पूरी नहीं की और 90% बच्चों ने माध्यमिक शिक्षा भी पूरी नहीं की ।  सच्चाई यह है कि केवल 10% बच्चे ही कॉलेजी शिक्षा तक पहुँच पा रहें हैं, यह प्रत्येक जिम्मेदार भारतीय के लिए दु:ख, क्रोध और चिंता का विषय है ।

हर एक बच्चा उत्कृष्ठ शिक्षा को प्राप्त कर सकता है और करना भी चाहिए किन्तु दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारे भारत में जन संख्या के नाम पर और भाग्य के नाम पर उसे शिक्षा से वंचित किया जा रहा है ।  हमें इन शौक्षिक असमानताओं की जंजीरों को तोड़कर प्रत्येक बच्चे को उसकी क्षमता के अनुसार उसे अपने भाग्य को स्वयं बनाने का अवसर देना चाहिए ।  ऐसा करने से भारत भी अपने विकास के चरमोन्नत शिखर  तक पहुँच पाएगा ।

इस सपने को साकार करने के लिए हमे आदर्शवादी प्रतिबद्ध नेताओं की आवश्यकता है, जो आज के यथार्थ को समझकर अपने कौशलों से भारत की नींव मजबूत कर सकें ।  हमें भी ऐसे नेताओं को चुनने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए ।

हमारे लिए गर्व की बात यह है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने Young Economist School नामक संगठन के द्वारा अक्षरा नामक परियोजना बना कर सरकारी पाठशालाओं के छात्रों को गुणात्मक शिक्षा का प्रसार कर रहें हैं ।

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युवा छात्रों के सहयोग से बना Young Economist School संगठन, अक्षरा  परियोजना द्वारा समाज सेवा और एको क्लब के द्वारा समाज हित के कार्य कर रहा है ।   इस कार्य के अंतर्गत हैदराबाद विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ¶क्रमों से जुड़े शोधार्थी विश्वविद्यालय के दक्षिण में स्थित गोपनपल्ली गाँव की दो सरकारी प्राथमिक पाठशालाओं में पढ़ा रहे हैं ।  22 घण्टों के इस व्यापक कार्यक्रम के अंतर्गत इन पाठशालाओं के छात्रों को वे प्रति दिन एक घंटे के लिए पढ़ा रहे हैं ।  सत्तर स्वयं सेवकों के साथ 4 फरवरी, 2013 को आरम्भ हुआ Pioneers of Project Akshara नामक पहला सत्र 28 फरवरी, 2013 को समाप्त हुआ ।  जिस में शिक्षण के साथ-साथ दो दिनों के लिए उनके अभिभावकों को संघटित किया गया और उनका मूल्यांकन भी किया गया ।

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अक्षरा परियोजना का मूल उद्देश्य यह है कि – एक दिन देश का हर एक बच्चा उत्कृष्ठ शिक्षा को प्राप्त कर सके ।  इस परियोजना से जुडा प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्य को सफल बनाने के लिए जी-तोड़ श्रम कर रहा है ।  इस परियोजना का आशय है कि प्रत्येक बच्चे में उसका आत्मविश्वास बढ़ाते हुए उसके पाठ्य-क्रमों से जुडे प्रत्येक विषय में उसकी रूचि जागृत करना और अंग्रेजी भाषा संप्रेषण में श्री वृद्धी करना इत्यादि ।  इस कार्य के द्वारा हम उन लोगों की मदद कर रहें है, जिन्हें विशेष सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं ।

अतंत: हम यह प्रार्थना करें कि —  हमारे इन छात्रों का कल्याण हो  !  जौहिन्द  ।

Please see the video of Project Akshara on https://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=6g_iyXWvnGA