7 मई को तेलंगाना सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन का दूसरा चरण समाप्त होने पर हैदराबाद विश्वविद्यालय अपना संशोधित शैक्षणिक कार्यक्रम जारी करेगा, जिसमें लंबित सत्रांत परीक्षाएँ और नए छात्रों को विविध पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षाएँ आदि विषय शामिल होंगे. विश्वविद्यालय इस बात से वाकिफ है कि यहाँ देश भर के छात्र पढ़ते हैं और उनमें से अधिकतर अपने घरों को लौट चुके हैं. अत:इस बात का खयाल रखना होगा कि शैक्षिक कार्यक्रम आरंभ तभी हो सकता है जब लॉकडाउन खत्म हो और देश भर के छात्र हैदराबाद वापस लौट सकें.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा कोविड-19 महामारीऔर लॉकडाउन के संदर्भ में हाल ही में विश्वविद्यालयों का परीक्षा और शैक्षिक कैलेंडरजारी किया गया है. विश्वविद्यालय ने सूचित किया है कि इस विषय पर आंतरिक समितियाँ भी गठित की गई हैं, जिन्होंने प्रयोगात्मक प्रयोगशालाओं में कार्यरत शोध छात्रों और मास्टर्स पाठ्यक्रम के अंतिम सत्र के छात्रों को इन परिस्थितियों में प्राथमिकता देने के लिए योजनाएँ बनाई हैं. योजना यह है कि छात्रों की वापसी को छोटे-छोटे समूहों में बाँटा जाए, जिससे छात्रों की वर्तमान परिस्थिति का खयाल रखा जा सके. साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि विश्वविद्यालय के उच्च शैक्षिक मूल्यों का पालन किया जाए. इससे पूर्व, इंटरनेट सेवाओं की अनियमितता और छात्रों द्वारा बताई गई अन्य समस्याओं के चलते विश्वविद्यालय ने यह निर्णय किया था कि ऑनलाइन कक्षाओं पर अधिक बल नहीं दिया जाएगा और जहाँ संभव हो वहाँ केवल ऑनलाइन शैक्षिक सहायता प्रदान की जाएगी. विश्वविद्यालय ने शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश को भी 21 मई तक बढ़ाया है.
विश्वविद्यालय ने एम.फिल. और पीएच.डी. कर रहे शोध छात्रों की समय-सीमा पहले ही बढ़ा दी है. सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करने की तिथि को 22 मई तक बढ़ाया गया है. एक तकनीकी समूह द्वारा देश भर में इस वर्ष ऑनलाइन प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित करवाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है.
विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि उसकी योजनाएँ यथासंभव वि.वि.अनु.आ. के निर्देशों के अनुसार ही होंगी. आयोग ने यह बताया है कि उसके निर्देश परामर्श हेतु दिए गए हैं. देश और स्थानीय स्थितियों के अनुसार और छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय किया जाएगा.