कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए केवल टीका ही एक महत्वपूर्ण हथियार सिद्ध हो रहा है. यद्यपि कई एडिनोवायरल वैक्टर और जीवित क्षीण टीकों को कोविड-19 से लड़ने के लिए आपातकालीन मंजूरी दी गई है, तथापि इन टीकों से जुड़ी सुरक्षा चिंता का एक प्रमुख विषय है. रोगजनकों के छोटे हिस्से का उपयोग करने वाले सबयूनिट टीके एक बढ़िया विकल्प हैं; फिर भी, ये कम क्षमता रखते हैं और प्रतिरक्षित कोशिकाओं को उत्तेजित करने और टीके की क्षमता को बढ़ाने के लिए इन्हें सहयोगी (एडजुवेंट) नामक एक अतिरिक्त घटक की आवश्यकता होती है. सारे विश्व के वैज्ञानिक ऐसे सहयोगी (एडजुवेंट) की पहचान के लिए अभूतपूर्व प्रयास कर रहे हैं जो प्रतिरक्षात्मक स्मृति को मजबूत कर सकते हैं और प्रतिपिण्ड (एन्टिबॉडी) को निष्क्रिय कर सकते हैं.
डॉ. नूरुद्दीन खान, सह प्रोफेसर, प्राणी जैविकी विभाग, जीव विज्ञान संकाय, हैदराबाद विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधार्थियों की टीम ने नॉवेल मेटाबोलिक पाथवे आधारित सहयोगी (एडजुवेंट) की पहचान की है जो प्रतिरक्षात्मक स्मृति में सुधार और प्रतिपिण्ड (ऐन्टिबॉडी) को निष्क्रिय करता है. यह डेंगू विषाणु (वायरस) के सभी सीरोटाइप को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय करने में सक्षम है तथा डेंगू टीके (EDIII) की क्षमता बढ़ाता है. उन्होंने आगे दिखाया है कि यह सहयोगी (एडजुवेंट) मेटाबोलिक प्रोग्रामिंग को मेमोरी बी और टी कोशिकाओं के गठन से जुड़े कई जीनों पर स्विच करने के लिए ट्रिगर करता है और माउस मॉडल में लंबे समय तक टीका-प्रेरित सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा प्रदान करने के लिए दृढ़ता प्रदान करता है. यह शोध-कार्य एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल साइंस सिग्नलिंग में प्रकाशित हुआ है.
डॉ. खान का दृढ विश्वास है कि यह सहयोगी (एडजुवेंट) कोविड-19 टीके को अतिरिक्त क्षमता प्रदान करेगा और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीके की प्रदर्शन की सूची में वृद्धि करेगा. यह सहयोगी (एडजुवेंट) सहायक एक छोटा अणु है जिसे हेलोफुगिनोन (एचएफ) के रूप में जाना जाता है, जो कि डाइक्रोआ फेब्रिफुगा जड़ी बूटी से प्राप्त होता है. उन्होंने पहले दिखाया है कि यह कार्य अमीनो एसिड डेप्रिवेशन सेंसिंग पाथवे के सक्रियण के माध्यम से होता है. डॉ. खान ने एचएफ और अमीनो एसिड सेंसिंग पाथवे पर अब तक किए गए कार्य और उसके लाभकारी पहलुओं को प्रतिष्ठित पत्रिकाओं, जैसे – पीएलओएस बायोलॉजी, साइंस और नेचर में प्रकाशित किया है.
कोशिका में अमीनो एसिड सेंसिंग कैलोरी प्रतिबंध का प्रमुख रूप है जिसका उपयोग पारंपरिक औषधिक प्रथाओं, जैसे – होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. इस तरह की पद्धति कोशिकाओं में होमोस्टैटिक मार्गों को सक्रिय कर सकती हैं, जैसे – टी और बी सेल प्रतिक्रियाओं को बढ़ाने के लिए ऑटोफैजी और एंटीजन प्रस्तुति. डॉ. खान की टीम ने प्रदर्शित किया है कि एचएफ लंबे समय तक जीवित रहने वाले प्रोटीन, इंट्रासेल्युलर रोगजनकों, विषाणु (वायरस) को नीचा दिखाने के लिए ऑटोफैजी जैसे सफाई तंत्र की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को उत्तेजित करता है और प्रतिरक्षिता के विकास के लिए टी कोशिकाओं द्वारा पहचाने जानी वाली कोशिकाओं पर डीग्रेडेड प्रोटीन को प्रदर्शित करता है.
डॉ. नूरुद्दीन खान का दृढ़ विश्वास है कि मेटाबोलिक पाथवे आधारित सहयोगी (एडजुवेंट) का आविष्कार सबयूनिट टीके की कम प्रतिरक्षाजनकता की समस्या को प्रभावी ढंग से दूर करेगा और SARS-CoV-2 और अन्य उभरती बीमारियों के खिलाफ सुरक्षित, प्रभावी सबयूनिट टीका विकसित करने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा.
अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक देखें:
https://stke.sciencemag.org/content/12/607/eaav4717.editor-summary