हैदराबाद विश्वविद्यालय महिला अध्ययन केंद्र ने स्त्री मुक्ति संगठन के सहयोग से आयोजित विचार-गोष्ठी में वारंगल काकतीय विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र विभाग की सेवानिवृत्त प्रोफेसर तोटा ज्योति रानी ने ‘महिलाएँ और विकास : समकालीन मुद्दे और चुनौतियाँ’ नामक विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया.

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अपनी इस चर्चा-गोष्ठी में प्रो. ज्योति रानी ने संयुक्त राष्ट्र संघ का नारा ‘लैंगिक समानता’ तथा पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की स्थिति और महिलाओं को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाले भूमंडलीकरण के परिणामों से संबंधित मूलभूत वास्तविकताओं के बारे में चर्चा की. तदुपरांत विभिन्न महिला आंदोलनों का उदाहरणों के साथ वर्णन किया.

उनके भाषण से पूर्व स्त्री विमुक्ति संगठन द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों की चर्चा की गई. जिसमें प्रो. तोटा ज्योति रानी द्वारा लिखित ‘महिलाएँ एवं विकास’ और दो पुस्तकें मेहनतकश महिलाओं की जीवन शैली तथा उनके स्वास्थ्य से संबंधित थी. हैदराबाद विश्वविद्यालय क्षेत्रीय अध्ययन केन्द्र की प्रो. शीला प्रसाद ने इस संदर्भ में बात करते हुए महिलाओं के स्वास्थ्य एवं उनके विकास से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया.

स्त्री शक्ति संगठन की सुश्री लक्ष्मी ने अपने संगठन द्वारा किए गए कार्यों का विपुल विवरण दिया तदुपरांत छात्रों और बुद्धिजीवी वर्ग को एक जुट होकर कामकाजी महिलाओं के शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाने का आग्रह किया.

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हैदराबाद विश्वविद्यालय महिला अध्ययन केंद्र की अध्यक्षा प्रो. के सुनीता रानी ने इस सत्र का संचालन किया और अंत में उन्होंने महिलाओं के जीवन से संबंधित विभिन्न समस्याओं और आंदोलनों को दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत करने वाली इन तीनों पुस्तकों को सराहते हुए कार्यक्रम का समापन किया.