कोविड-19 के प्रसार को धीमा करने के लिए शारीरिक दूरी और चेहरे पर मास्क पहनना बहुत ही कारगर उपाय सिद्ध हुए हैं. अन्य लोगों से 6 फीट की भौतिक दूरी रखने पर संक्रमित व्यक्ति से वायरस के संक्रमण को अन्य लोगों तक पहुँचने की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इस तरह की सावधानी बरतने से बाद में प्रियजनों और परिवार से अलगाव की आवश्यकता से बचा जा सकता है.

हैदराबाद विश्वविद्यालय के टेक्नोलॉजी बिज़नेस इंक्यूबेटर (टीबीआई) में स्थित एक स्टार्ट-अप फर्म मेवन लैब्स ने METIS (मेडिकल इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी इंडस्ट्रियल स्ट्रेटेजी) नामक परियोजना के अंतर्गत SudRz (सुदृश् – संस्कृत शब्द – तीक्ष्ण दृष्टि वाला) नामक एक उपकरण बनाया है. यह उपकरण भीड-भाड़ वाले इलाकों में इस बात का पता लगा सकता है कि लोगों के बीच कम से कम 6 फीट का अंतर है या नहीं. सुदृश् रियल टाइम वीडियो स्ट्रीमिंग जैसे सीसीटीवी का विश्लेषण करता है और दो व्यक्तियों के बीच की दूरी की पहचान कृत्रिम प्रज्ञा एल्गोरिदम से करता है. दूरी के उल्लंघन को फ्रेम में दिख रहे व्यक्तियों के चित्र के साथ स्क्रीन पर देखा जा सकता है, जिसमें अलार्म बजने की भी सुविधा है. इस प्रणाली को चलाने के लिए केवल आईपी समर्थित कैमरा का होना पर्याप्त है.

मेवन एआई की टीम – श्री. राजीव पटनायक, श्री. एस. कुमार और श्री. सी. भवानी शंकर – ने कहा कि यह एप्लिकेशन मॉल, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों जैसी जगहों के सीसीटीवी कैमरा की सहायता से एक समाधान प्रस्तुत करेगा. इसे प्रयोक्ता की आवश्यकतानुसार बदला भी जा सकता है.

इस उपकरण में एआई की सहायता से चेहरे की पहचान करने की सुविधा भी निहित है. एक बार यदि पासपोर्ट संख्या या कर्मचारी संख्या जैसे डेटा की सहायता से चेहरे की पहचान कर ली जाए, तो चेहरे की पहचान द्वारा संपर्क-रहित पद्धति को अपनाया जा सकता है. इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश, उपस्थिति की जाँच, हवाईहड्डों आदि में किया जा सकता है. इस प्रकार कर्मचारियों और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.

वेबसाइट: https://tecmetis.com/