रिसर्च एंड इनोवेशन सेक्शन की अध्यक्ष एवं काउंसलर सुश्री तानिया फ्रेडरिक्स के नेतृत्व में आयोजित एक यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने 8 फरवरी, 2017 को हैदराबाद विश्वविद्यालय का दौरा किया. इस प्रतिनिधिमंडल में संघ के विभिन्न हिस्सों से आए 12 सदस्य शामिल थे. इस प्रतिनिधिमंडल के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में आयोजित एक बैठक में विश्वविद्यालय के 12 संकायों एवं विभागों के अध्यक्षों के साथ विश्वविद्यालय के केंद्रों में कार्यरत निदेशकों ने भी भाग लिया. 8 से 10 फरवरी, 2017 के बीच भारत का दौरा करने वाले इस यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फार्मास्यूटिकल, आईटी और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए ख्यात हैदराबाद को चुना.

यूरोपीय संघ ने अपनी सामरिक साझेदारी के लिए भारत को महत्वपूर्ण एवं अभिन्न अंग के रूप माना है. इसलिए उन्होंने अपने इस दौरे के दौरान भारत के साथ संभव अनुसंधान और नवाचारों पर सहयोगिता के लिए विचार-विमर्श करने पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया. इस कार्य के लिए हैदराबाद विश्वविद्यालय को अपने एक गंतव्य के रूप में चुनना हमारे लिए गर्व की बात है.

इस अवसर पर हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अप्पा राव पोदिले ने पावर-प्वाइंट प्रस्तुति द्वारा प्रत्येक संकाय की विशिष्टताओं के बारे में विस्तार से बताते हुए विश्वविद्यालय में विदेशी मूल के छात्रों के लिए उपलब्ध शिक्षण एवं अनुसंधान सुविधाओं का ब्योरा दिया.

प्रतिनिधिमंडल ने यूरोपीय संघ के अनुसंधान और नवाचार कार्यक्रम से संबंधित होराइज़न 2020 की रूपरेखा प्रस्तुत की. इसमें विश्वविद्यालय के हित से संबंधित सहयोगिता के विशिष्ट क्षेत्रों, अवसरों, सामान्य शर्तें और दोनों सहयोगात्मक अनुसंधानों की गतिशीलता, योजनाएँ और अनुदान आदि के बारे में बताया गया.

विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अकादमिक स्थिति को उन्नत बनाने के लिए सिद्धांत रूप में अपनी सहमति दी. इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय और यूरोपीय संघ जल्द ही कदम आगे बढ़ाएँगे.