हैदराबाद विश्वविद्यालय के पूर्व-छात्र तथा वर्तमान में आंध्र-प्रदेश के कृष्णा जिला में कलिदिंडी में तहसीलदार के रूप में कार्यरत, श्री. श्रीनु वेन्नेला को सार्वजनिक सेवा के लिए उत्तम तहसीलदार के रूप में प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया है.

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At university during MPhil days

यूजीसी-नेट व्याख्याता अध्येतावृत्ति प्राप्त तथा वर्ष 2005 से 07 तक प्रो. बेथवोलू रामब्रह्मम के शोध-निर्देशन में में तेलुगू (साहित्य में ऐतिहासिकता के बारे में नोरी वारी कृतुलु) में एम.फिल. की उपाधि प्राप्त श्रीनु ने आंध्र प्रदेश सरकार के माननीय वित्त मंत्री श्री. यनमला रामकृष्णुडु के करकमलों से यह पुरस्कार प्राप्त किया. इस अ‍वसर पर माननीय कानून मंत्री श्री के. रवींद्र, कृष्णा जिले के जिलाधीश श्री. बी. लक्ष्मीकांतम, आईएएस और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.

श्रीनु अपने मंडल स्तर पर राजस्व प्रशासन, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, निर्वाचन संबंधी कर्तव्यों और ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न सेवाओं के कार्यान्वयन में बहुत सक्रिय रहे. सुदूर स्थित गाँवों में गरीब और गरीबी रेखा के नीचे के लोगों के लिए 1150 से अधिक गृह-स्थल प्रदान कर पाने वे बहुत संतुष्ट हैं.

उपरोक्त के अलावा, श्रीनु को वर्ष 1999 में विजन-2020 पर निबंध के लिए आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री. नारा चंद्रबाबू नायड़ू ने स्वर्ण-पदक से सम्मनित किया तथा आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्यों के माननीय राज्यपाल श्री. के.एल. नरसिंहन ने रेड क्रॉस सेवा के लिए स्वर्ण-पदक प्रदान किया है. आपने छात्र महोत्सव सुकून, 2006 में काव्य लेखन में प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त किया है.

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श्रीनु वेन्नेला की चयन आंध्र-प्रदेश लोक सेवा आयोग की सीधी भर्ती के माध्यम से हुआ. वे कहते हैं कि है.वि.वि. के परिसर के वातावरण का उनकी सफलता में बहुत बड़ा हाथ है. उन्हें लगता है कि ग्रुप की परीक्षाओं की सफलता में विश्वविद्यालय परिसर में स्थित पुस्तकालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.