हैदराबाद विश्वविद्यालय (है.वि.वि.) के समाज विज्ञान संकाय ने 4 से 6 अगस्त, 2014 तक ‘विविध विषयों में लेखन: विचार से प्रबंध/प्रकाशन तक’ (Writing Across Disciplines: From Ideas to Dissertation/Publication) विषय पर एक दो-दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया. समाज विज्ञान संकाय में पहली बार ऐसी कार्यशाला का आयोजन किया गया.
विद्यार्थियों को अनुसंधान पत्र लिखने की तकनीक सीखने का अच्छा अवसर मिला. अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों ने प्रवक्ता के रूप में भाग लेकर अपने विचारों से प्रतिभागियों को अवगत कराया और कार्यशाला को सार्थक बनाया.
सृजनात्मक लेखक से अर्थशास्त्री बनीं सुचित्रा शेणॉय ने कार्यशाला का शुभारंभ ‘सृजनात्मक लेखन’ पर अपने विचार प्रस्तुत करके किया. पठन-लेखन की विशेषज्ञ अशिमा सूद ने पठन कौशल के महत्व के बारे में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया. इकोनॉमिकल एंड पोलिटिकल वीकली के अनिकेत आलम और तान्या सेठी ने अनुसंधान की नैतिकता और साहित्यिक चोरी जैसे महत्वपूर्ण विषय पर सभी को संबोधित किया. पत्रिका में अनुसंधान पत्रों के प्रकाशन से जुड़े आयामों पर भी इस टीम ने बात की. इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस के तरुण जैन ने डाटा के विश्लेषण पर प्रकाश डाला तो पुस्तकालय विज्ञान के विद्वान एन.जी. सतीश ने पुस्तकालय एवं इंटरनेट संसाधनों के प्रयोग पर विस्तार से बात की.
अलग-अलग विभागों और केन्द्रों के विद्यार्थियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया और अपने विचारों और पद्धतियों से सब को अवगत कराया जिससे ये चर्चा-सत्र और भी जीवंत और दिलचस्प बने. सम-कुलपति महोदय प्रो. ई. हरिबाबू ने संकाय की अध्यक्ष प्रो. आलोका पराशर सेन को ऐसी उपयोगी पहल करने के लिए बधाई दी और सलाह दी कि ऐसी कार्यशालाएँ नियमित रूप से आयोजित करें जिससे विद्यार्थियों को लाभ हो.