शौक्षणिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहराई से विचार-विमर्श, गंभीर बहस और कार्य प्रणाली संबंधी विकास तथा संस्थानिकीकरण आदि के लिए हर विश्वविद्यालय संगोष्ठियाँ, कार्यशालाएँ और सम्मेलनों का आयोजन करना उसके दिन चर्या का हिस्सा है । देश का प्रतिष्ठित हैदराबाद विश्वविद्यालय भी कई ऐसे विश्लेषणात्मक कार्यक्रमों के लिए अग्रसर रहता है । ऐसे कार्यक्रमों से विरल 12 जून, 2013 को हैदराबाद विश्वविद्यालय ने शारीरिक विकालांगों के लिए अधिनियम 1995 का कार्यान्वयन विषय पर एक आकर्षक एवं दुर्लभ नीति वार्ता का आयोजन किया, जो शौक्षणिक कार्यक्रमों से भिन्न था ।
इस भव्य कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री प्रसन्न कुमार पिंचा (the Chief Commissioner for Persons with Disabilities, Department of Disability Affairs, Ministry of Social Justice and Empowerment, Govt. of India) इस रोमांचक कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े दृष्टि बाधितों ने भाग लिया ।
इस अनोखे इंटरैक्टिव सत्र का उद्घाटन आचार्य रामकृष्ण रामास्वामी (कुलपति, हैदराबाद विश्वविद्यालय) ने किया । इस सत्र में भाग लेने वाले मुख्य अतिथियों में श्रीमती क्रिस्टीन लेज़र्स (आन्ध्र प्रदेश विधान सभा की सदस्या), श्री सीता रामा शास्त्री (संस्थापक एवं प्रबंधक सम्रिता ट्रस्ट के न्यासी) श्री जी. रवीन्द्र बाबू (संस्थापक एवं अध्यक्ष दृष्टि बाधित कर्मचारी संघ), आचार्य शर्मा (डीन, छात्र काल्याण विभाग, हैदराबाद विश्वविद्यालय) आचार्य भुयान (Chairman, Empowered Committee for Differently Abled persons, UOH) और श्री एन. अन्नवरम (Member, Empowered Committee for Differently Abled Persons).