प्राथमिक पाठशाला, गोपनपल्ली तांडा के छात्रों ने बडीबाटा कार्यक्रम के अंतर्गत अक्षरा परियोजना के सदस्यों के साथ मिलकर हाल ही में सारे गाँव में एक प्रभावशाली रैली निकाली । इस रैली में छात्र अपने हाथों में प्लौकाड लेकर मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए सरकारी पाठशालाओं को सुरक्षित रखें, हमे गुणात्मक शिक्षा प्रदान कीजिए, शिक्षकों की नियुक्ति कीजिए और आपके बच्चों को हमारी पाठशाला में भर्ती कीजिए … आदि नारे लगाए ।
जून महीने के आरंभ में आन्ध्र प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित बडीबाटा (नामांकन ड्राइव) नामक इस व्यापक अभियान का मूल उद्देश्य है कि पाठशाला की आयु ( 5 से 14 वर्ष) के बच्चों को पहचानना और स्कूल के बाहर रहने वाले बच्चों को स्कूलों में भर्ती करना ।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार 120 छात्रों से अधिक सख्या वाले प्रत्येक पाठशाला में पाँच शिक्षकों और पाँच कक्षा कक्ष होने चाहिए । गोपनपल्ली तांडा की प्राथमिक पाठशाला में छात्रों की संख्या 120 से अधिक होने पर भी यहाँ केवल दो अध्यापक और केवल तीन ही कक्षा कक्ष हैं । इस पाठशाला में बालिकाओं के लिए एक शौचालय भी नहीं है । इसलिए अक्षरा परियोजना के कार्यकर्ता और पाठशाला के छात्रों ने मिलकर उपर्युक्त न्यूनतम सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए अधिकारियों से अपील की ।
अक्षरा परियोजना द्वारा आयोजित इस रैली में परियोजना के सलाहकार और हैदराबाद विश्वविद्यालय के आचार्य डॉ.लक्ष्मीनारायणा, पाठशाला की प्रधान अध्यापिका श्रीमती सोनी, आंगनवाडी अध्यापिका एन. शांता बाई, हैदराबाद विश्वविद्यालय अक्षरा परियोजना के कार्यकर्ता स्टानज़ीनशेरों, प्रदीप कुमार, के. शशि रेखा, वेन्नेला, रत्ना, संतोष, रोशन, भास्कर, आदिनारायणा, रोहित, वंशी आदि ने भाग लिया ।
परियोजना अक्षरा पर अधिक जानकारी के लिए श्री प्रदीप कुमार (फोन नं. 9440771181) से संपर्क करें ।