हैदराबाद विश्वविद्यालय में सिस्टम्स जैविकी में एकीकृत मास्टर ऑफ साइंस कार्यक्रम के अंतिम वर्ष की छात्रा श्री काव्या पेन्नेरु को टेनेसी विश्वविद्यालय, यू.एस.ए. में पीएच.डी. कार्यक्रम के लिए दाखिला मिला है. फिलहाल, सुश्री काव्या सिस्टम और कम्प्यूटेशनल जैविकी विभाग में डॉ. मोउमिता सहारा के निर्देशन में Molecular Dynamic Simulations of a protein – Cellobiohydrolase, पर अपनी मास्टर्स की परियोजना पर कार्य कर रही हैं तथा यह Cellobiohydrolase प्रोटीन जैव-ईंधन उत्पादन से जुडी हुई है.

काव्या पेन्नेरु ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में स्थित कुछ प्रयोगशालाओं में काम करके अनुसंधान का अनुभव प्राप्त किया. जैव-भौतिकी के क्षेत्र में उनकी गहरी रुचि के कारण, वे जीव विज्ञान संकाय के विभागों के साथ-साथ भौतिकी विभाग में अनुसंधान प्रयोगशालाओं भी सक्रिय रहीं. उन्होंने है.वि.वि. में उच्च ऊर्जा पदार्थ उन्नत अनुसंधान केंद्र में टेट्राहर्ट्ज़ विकिरण का उपयोग करते हुए पौधों के लक्षण वर्णन पर काम किया जहाँ उन्होंने विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपी प्रविधि सीखी तथा अपने जीव-विज्ञान विभाग में कम्प्यूटेशनल और वेट लैब प्रयोगों का अनुभव प्राप्त किया. काव्या को 2020-ग्रीष्मकालीन खोराना कार्यक्रम की छात्रवृत्ति प्राप्त हुई, जो भारतीय छात्रों को अमेरिकी-विश्वविद्यालयों में अनुसंधान का अनुभव प्रदान करने के लिए एक इंडो-यूएस कार्यक्रम है तथा यह डीबीटी, आईयूएसटीएफ और विनस्टेप-फॉरवर्ड द्वारा प्रायोजित है. कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण वे यू.एस. नहीं जा सकीं. ऑनलाइन अन्वेषण में और अपने सपनों को साकार करने के लिए स्नातक कार्यक्रमों के लिए आवेदन करने में उन्होंने अपने समय का सदुपयोग किया है.

काव्या को जैव-रसायन और कोशिका एवं आणविक जीवविज्ञान विभाग, टेनेसी विश्वविद्यालय, नॉक्सविल, अमेरिका में स्नातक कार्यक्रम में दाखिला मिला है तथा यह पूरी तरह से वित्त पोषित पाँच साल का पीएच.डी. कार्यक्रम है. वे प्रथम वर्ष में लैब रोटेशन के लिए तीन लैब में शामिल होंगी और अगले चार वर्ष में परियोजना कार्य करेंगी. भविष्य में वे कई प्रकार के प्रोटीन पर काम करना चाहती हैं और अपने कार्यों के लिए जैविक प्रणालियों के परमाणु-स्तर के संबंधों पर गहराई से अन्वेषण कर रही हैं. वे फॉल 2021 में कार्यक्रम में शामिल होगी.

काव्या कहती हैं कि महामारी के दौरान उनको कई ऑनलाइन भाषण और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने का सुअवसर मिला है. इसलिए, उन क्षेत्रों की अधिक जानकारी हासिल करने का मौका मिला है, जिन क्षेत्रों पर वे शोध करने में रुचि रखती थीं. वे अपने सभी प्राध्यापकों और अन्य लोगों के प्रति आभार व्यक्त करती हैं, जिन्होंने उनके सपने को साकार करने में सहयोग और प्रोत्साहित किया.