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हैदराबाद विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के साथ-साथ तुलनात्मक साहित्य केन्द्र, मानविकी संकाय इस वर्ष अपनी रजत जयंती मना रहा है । रजत जयंती मनाने के लिए केन्द्र ने एक समिति का घटन किया । इस समिति के संयोजकों ने इस वर्षं के लिए कई शौक्षिक कार्यक्रमों को आयोजित करने की योजना बनाई । इससे पूर्व इस केन्द्र ने एक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया था, जिसमें कालीकट के प्रो.एम.वी.नारायणन ने व्याख्यान दिया था । इसी प्रकार कुछ दिन पहले इस केन्द्र में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कोलंबिया विश्वविद्यालय की प्रो. सुदीप्ता कविराज के साथ संकाय सदस्यों और छात्रों को वार्तालाप करने का मौका मिला था । तुलनात्मक साहित्य केन्द्र की रजत जयंती समिति ने इस वर्ष में आयोजित किए जानेवाले कार्यक्रमों की एक लंबी श्रृंखला की योजना बनाई ।  इस योजना के अंतर्गत  हाल ही में फिल्म समारोह का आयोजन किया गया है ।

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Real emergence : New and Now नामक फिल्म समारोह का उद्घाटन 16 अगस्त अपराह्न को मानविकी संकायाघ्यक्ष प्रो.अमिताभ दास गुप्ता ने किया । इस समारोह में 16 अगस्त से 18 अगस्त तक मानविकी सभागार तथा विश्वविद्यालय के डी.एस.टी. सभागार में फ़िल्मों का प्रदर्शन किया गया था । इस संदर्भ में प्रदर्शित की जाने वाली फ़िल्म का संक्षिप्त परिचय प्रोफेसर तुतुन मुखर्जी ने दिया था ।

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इस फ़िल्म समारोह में दर्शकों के अंतरंग को स्पर्ष करनेवाली अनेक फिल्में चुनी गर्इं । दुनिया भर के विभिन्न भाषाओं से जुड़ी 2010 के बाद जारी की गई फ़िल्मों को ही प्रदर्शित किया गया । फ़िल्मों की सूची निम्न प्रकार है —  समोआ की Orator, ब्राज़ीला की ज़ींगू, दक्षिण अफ्रीका की Life, Above All, कोरिया की Miracle in cell No. 7, फ्राँस की 17 Filles, इजरायल की फुटनोट, जापान की the Secret world of Arriety, ऑस्ट्रेलिया की लाल कुत्ता और तीन भारतीय फ़िल्में हैं जिसमें तमिल की आडुकुलम, मणिपुर की फ़िलिगी मणि और तुलु की गग्गरा शामिल है ।

हैदराबाद विश्वविद्यालय समुदाय ने इस फ़िल्म माहोत्सव का आनंद उत्साह पूर्वक उठाया । फ़िल्मोत्सव ने दर्शकों एवं चिंतकों के लिए नए आयामों को प्रशस्त किया है ।