हैदराबाद विश्वविद्यालय ने उन्नत भारत अभियान और शिक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से 8 और 9 जनवरी 2025 को ‘Skill India for Viksit Bharat: Empowering Rural Youth for Future Opportunities’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया. प्रतिष्ठित संस्थान-है.वि.वि. द्वारा प्रायोजित कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को जीवन, आजीविका और विकास के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना था.

कार्यशाला के दूसरे दिन छठे तकनीकी सत्र का नेतृत्व डॉ. आर. रमेश रंगसामी, एसोसिएट प्रोफेसर और सीआरएल समन्वयक, यूबीए-एसईजी, एनआईआरडीपीआर, हैदराबाद ने किया. उन्होंने बीज वक्तव्य प्रस्तुत किया, जिसमें भारत में शहरी क्षेत्रों के सम्मुख आने वाली जटिल चुनौतियों का समाधान करने में नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया गया. उनकी प्रस्तुति में नवाचार, रचनात्मकता और विचार शामिल थे, जिसमें तकनीकी नवाचार के महत्व, कौशल विकास और विभिन्न व्यावसायिक मॉडलों के साथ इसके संबंध पर प्रकाश डाला गया. इसके बाद भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति श्री. एम. वेंकय्या नायडू ने ‘Viksit Bharat @2047, the voice of Youth’ शीर्षक से एक विशेष व्याख्यान दिया. हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.जे. राव ने सत्र की अध्यक्षता की. यह व्याख्यान ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास और सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला के प्रयासों का हिस्सा था.

सत्र के दौरान बोलते हुए, उन्नत भारत अभियान, एनसीआई, नई दिल्ली के परियोजना निदेशक, प्रो. पी.के. सिंह ने उन्नत भारत अभियान की उत्पत्ति, दृष्टि और मिशन पर पर प्रकाश डाला. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विकास, सामुदायिक विकास, जमीनी स्तर पर विकास और कौशल संवर्धन पर पहल आदि विषयों पर बात की.

हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.जे. राव ने श्री. वेंकय्या नायडू का स्वागत किया और ज्ञान और संसाधनों के साथ ग्रामीण भारत तक पहुँचने में उन्नत भारत अभियान के महत्व को रेखांकित किया. कार्यशाला में बोलते हुए श्री. एम. वेंकय्या नायडू ने कहा, “भारत के विकास से सभी 143 करोड़ नागरिकों, विशेषकर कमज़ोर वर्गों को लाभ मिलना चाहिए.” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें अपने लोगों की संपत्ति, ज्ञान और खुशी में वृद्धि करनी चाहिए. भारत हमारी मातृभूमि है और इसकी सेवा करने के लिए हममें प्रतिदान की अपेक्षा नहीं, बल्कि जुनून होना चाहिए.

श्री. नायडू ने नवाचार के किफायती और सुलभ होने के महत्व पर भी ज़ोर दिया. उन्होंने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन बढ़ रहा है. हमें इस चुनौती से निपटने के लिए अभिनव समाधान खोजने की जरूरत है.” भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए, श्री. नायडू ने प्राचीन संस्कृत वाक्यांश वसुधैव कुटुम्बकम् (विश्व एक परिवार है) का हवाला दिया. उन्होंने कहा, “हमें कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए मिलकर काम करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकास का लाभ सभी तक पहुँचे.” श्री. नायडू ने कहा, “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन – यह हमारे प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया मंत्र है. हमें अपने लोगों के जीवन को बदलना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय अविलंब मिले और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुँचे.”

इस विशेष व्याख्यान सत्र का समापन हैदराबाद विश्वविद्यालय के उन्नत भारत अभियान के समन्वयक डॉ. रावुला कृष्णय्या द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित होने और प्रतिभागियों को प्रेरित करने वाले व्यावहारिक व्याख्यान के लिए श्री. एम. वेंकय्या नायडू जी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और उन्नत भारत अभियान इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.