हैदराबाद विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़े के अवसर पर दि. 17 सितंबर, 2018 को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था, जिसके अंतर्गत हिंदी नाटक ‘चरणदास चोर’ का मंचन सावित्रीबाई फुले सभागार में किया गया. इस अवसर पर हिंदी अधिकारी डॉ. श्री ज्ञानमोटे ने भाषा और संस्कृति के संबंध को रेखांकित करते हुए प्रस्तुत नाटक की जानकारी दी. यह राजस्थान की लोककथा पर आधारित एक नाटक है, जिसके मूल लेखक विजयदान देथा हैं. तथापि इसे नाटक रूप में प्रख्यात रंगमंच कर्मी हबीब तनवीर ने ढाला. हैदराबाद के उड़ान परफॉर्मिंग आर्ट्स के सौरभ घारीपुरीकर ने इसका डिज़ाइन और निर्देशन किया है.
नाटक को देखने के लिए बड़ी संख्या में छात्र एवं अन्य दर्शक उपस्थित थे. इस प्रस्तुति के व्यंग्य और कटाक्ष को सभी ने खूब सराहा. सभी कलाकारों की प्रदर्शन बढ़िया रहा. विशेष रूप से चरणदास की भूमिका में सूरज को बहुत प्रशंसा मिली. अंत में हैदराबाद विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक समन्वयक प्रो. ज़ाहिदुल हक़ ने सभी कलाकारों एवं तकनीशियनों को स्मृतिचिह्न प्रदान किए.