MENCA (मार्शियन एक्सोस्फेरिक न्यूट्रल कम्पोजीशन एनालायज़र) मंगल आर्बिटर मिशन MOM से मंगल ग्रह की दिव्य संपत्ति के विज्ञान के सबसे पहले परिणाम भेज रहा है.

भारत ऐसा पहला देश है, जिसने पहले ही प्रयास (2014) में ही मंगल ग्रह तक पहुँचने में सफलता पाई है. भारत के मंगल आर्बिटर मिशन (MOM) ने पिछले एक साल से मंगल ग्रह के चारों ओर घूमते हुए उसके बहुमूल्य डाटा को एकत्रित कर हमें भेजा है. यह MOM मंगल ग्रह के सुंदर और रंगीन चित्रों को पिछले वर्ष से भेज रहा है, पर इसके विज्ञान परिणामों को प्रतिष्ठित भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान ने पत्र द्वारा पिछले सप्ताह ही इसे स्वीकार किया है. MENCA (मार्शियन एक्सोस्फेरिक न्यूट्रल कम्पोजीशन एनालायज़र) एक क्वाड्रापोल मास स्पेक्ट्रोमीटर के ज़रिए मंगल ग्रह से 260-500 किमी की ऊंचाई के बहुमूल्य तटस्थ रचना प्रजातियों को एकत्र करने में सफल रहा है. वीएसएससी, इसरो में डॉ. एस.एम. अहमद और उनकी टीम द्वारा बनाया गया MENCA लगभग CHACE (Chandra’s Altitudinal Composition Explorer) की तरह ही काम कर रहा है. डॉ. एस.एम. अहमद फिलहाल यहाँ हैदराबाद विश्वविद्यालय के केन्द्रीय उपकरण प्रयोगशाला (सीआईएल) में प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में कार्य कर रहें हैं.

डॉ. एस.एम. अहमद विश्व विख्यात ग्रह विज्ञान सोसायटी, संयुक्त राज्य अमेरिका से अपने निकाय में ब्लॉग लिखने के लिए आमंत्रित किए गए हैं.

इस विषय से संबंधित अधिक जानकारी के लिए कृपया http://www.planetary.org/blogs/guest-blogs/2016/0225-menca-brings-divine-wealth.html लिंक देखें.