हैदराबाद विश्वविद्यालय जीव विज्ञान संकाय, वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. सी.एच. वेंकट रमण को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार अर्थात् जानकी अम्माल राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया. यह पुरस्कार स्वर्गीय प्रो. ई.के. जानकी अम्माल की स्मृति में दिया जाता है. यह पुरस्कार प्रो. रमण को उनके द्वारा बैक्टीरियल टेक्सोनॉमी में किए गए योगदान के लिए दिया गया.
यह पुरस्कार 1 जुलाई, 2016 को कोलकाता में आयोजित भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के शताब्दी समारोह में माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री. प्रकाश जावड़ेकर के कर कमलों से दिया गया. इससे पूर्व प्रो. रमण को ट्रांसलेशनल अनुसंधान के क्षेत्र में किए उत्कृष्ट शोध के योगदान हेतु जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने वर्ष 2015-16 के लिए प्रतिष्ठित टाटा इनोवेशन फैलोशिप से सम्मानित किया था. SCOPUS के आउटलुक समूह और ऑनलाइन डेटाबेस M/s Elsevier के द्वारा किए गए सर्वेक्षणों के अनुसार सूक्ष्म जीव विज्ञान में भारत के शीर्ष 5 प्रकाशकों में प्रो. रमण भी एक हैं.
बैक्टीरियल टेक्सोनॉमी में प्रो. रमण के द्वारा किए गए योगदान के लिए उन्हें “the systematics of prokaryotes: Subcommittee on the taxonomy of phototrophic bacteria” की अंतर्राष्ट्रीय समिति के सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया. बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान में नई खोज की गई बैक्टीरियाँओं का प्रयोग बड़ी संख्या में किया जा रहा है. फिलहाल प्रो. रमण का समूह अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ आधुनिक बैक्टीरियल टेक्सोनॉमी के सभी पहलुओं को आविष्कृत करने के लिए अच्छी तरह से कार्य कर रहा है. आपके समूह ने ‘पालीफेसिक टेक्सोनॉमी’ से ‘इंटिग्रेटेड टेक्सोनॉमी’ के बैक्टीरियल प्रजातियों का वर्णन विकसित किया है. फिलहाल आपका समूह उद्योग, कृषि, चिकित्सा और समाजिक पर्यावरण से संबंधित क्षेत्रों के ट्रांस्लेशनल अनुसंधान की जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘भारतीय प्रोकैर्योटों’ को एक व्यवस्थित सर्वेक्षण के द्वारा अनुक्रमित और सूचीबद्ध करने में लगा है.