– हैदराबाद विश्वविद्यालय के डिजिटल द्विभाषी ऑनलाइन समाचार पत्र ‘यूओएच हेराल्ड’ की शुरुआत जनवरी 2013 में की गई.
– हर सेमेस्टर विश्वविद्यालय के संचार विभाग द्वारा समाचार पत्र के लिए समाचार लिखने हेतु विशेष रूप से प्रशिक्षु के रूप में दो विद्यार्थियों को नामित किया जाता है.
– पिछले चार वर्षों में 1300 द्विभाषी पत्र प्रकाशित किए गए.
– प्रति वर्ष इस समाचार पत्र के द्वारा 3 लाख रुपये छपाई में बचाए जाते हैं; पिछले चार वर्षों में 12 लाख रुपये बचाए गए हैं.
– व्यापक प्रसार के लिए इस समाचार पत्र में प्रकाशित किए गए विषयों को सोशल मीडिया पर साझा जाता है.
– ऑनलाइन समाचार पत्र के कारण कागज बचाकर परोक्ष रूप से पेड़ों को भी बचाया जा रहा है और पर्यावरण का संरक्षण भी किया जा रहा है.

हैदराबाद विश्वविद्यालय के ऑनलाइन समाचार पत्र ‘यूओएच हेराल्ड’ ने अपनी चार वर्षों की यात्रा में 1300 पोस्टिंगों को प्रकाशित कर एक मील का पत्थर स्थापित किया. जनवरी 2013 में स्थापित ‘यूओएच हेराल्ड’ ने आज तक 1350 पोस्टिंग्स प्रकाशित कर चुका है. विश्वविद्यालय द्वारा संचालित यह द्विभाषी समाचार पत्र अपनी तरह का एक अनोखा एवं देश के किसी भी केंद्रीय संस्थान द्वारा चलाया जाने वाला एक मात्र द्विभाषी ऑनलाइन समाचार पत्र है.

मुद्रित संस्करण के स्थान पर एक ऑनलाइन समाचार पत्र प्रकाशित करने का विचार जनसंपर्क अधिकारी के कार्यालय से आया पर इसका मूर्त रूप विश्वविद्यालय के संचार विभाग के समर्थन से संभव हुआ. इस विचार को तत्कालीन कुलपति महोदय ने तुरंत मंजूरी दे दी. तदनुसार वर्ड प्रेस पर एक प्रायोगिक संस्करण दिसंबर, 2012 में तीन सप्ताह के लिए चलाया गया था. इसके सफल होने के बाद इस ऑनलाइन द्विभाषी समाचार पत्र की यह साइट जनवरी, 2013 से सक्रिय रूप से चलने लगी. इस समाचार पत्र ने कागज के उपयोग को कम कर पर्यावरण को बचाने में विश्वविद्यालय को सक्षम बनाया है. एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि, इन पिछले चार वर्षों में इस ऑनलाइन द्विभाषी समाचार पत्र ने मुद्रण के खर्च में बारह लाख रुपयों से भी अधिक की बचत की है. यूओएच हेराल्ड अपने समाचारों को फेसबुक, ट्विटर, और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया के लिंक्स से जुड़कर और अधिक लोगों तक पहुँचने में सक्षम हुआ है.

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इस संदर्भ में संचार विभाग के प्रणय रूपाणी कहते हैं कि, मैंने चार वर्ष पहले यहीं से एमए किया था. विश्वविद्यालय की बहुत याद आती थी पर जब मैंने न्यूज़लेटर देखा और मुझे बहुत खुशी हुई क्योंकि यूओएच हेराल्ड ने मुझे फिर से परिसर से जोड़ा. मुझे लगता है कि इसी वजह से मैं आज यहाँ पीएचडी करने के लिए लौट आया हूँ.

इस द्विभाषी ऑनलाइन समाचार पत्र ‘यूओएच हेराल्ड’ के प्रतीक चिह्न को संचार विभाग के एक संकाय ने आकर्षक रूप प्रदान किया. हैदराबाद विश्वविद्यालय के सारे समुदाय ने इस द्विभाषी ऑनलाइन समाचार पत्र का अच्छी तरह से स्वागत किया. लगभग इसे दैनिक पत्र ही माना जा सकता है. हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र एवं पूर्व छात्र आज-कल इसमें अपने परिसर के अनुभवों तथा अपनी उपलब्धियों को साँझने लगे. राजभाषा अधिनियम के मद्देनजर इस ऑनलाइन समाचार पत्र को हिन्दी और अंग्रेजी में प्रकाशित किया जा रहा है. ऐसा करने में कोई अन्य विश्वविद्यालय अब तक सक्षम नहीं हुआ है. इसमें प्रकाशित समाचारों का हिंदी अनुवाद अथवा हिंदी संस्करण हमारे हिंदी कक्ष की सहायता से उसी दिन या उसके अगले दिन प्रकाशित किया जाता रहा है.

इस ऑनलाइन समाचार पत्र में विश्वविद्यालय के समुदाय से जुड़े प्रतिष्ठित व्याख्यान, संकाय एवं छात्र सम्मान, संकाय एवं छात्र उपलब्धियाँ, संकाय एवं छात्रों के दौरे, संकाय एवं छात्रों द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन तथा विश्वविद्यालय की प्रमुख घटनाओं का ब्योरा प्रकाशित किया जाता है. एक दिलचस्प बात यह रही है कि पूर्व छात्र जो विश्वविद्यालय में रह चुके हैं वे भी समय-समय पर अपने अनुभवों को ‘यूओएच हेराल्ड’ के ज़रिए साझा करते हैं. हमें आशा है कि इन पूर्व छात्रों के अनुभवों तथा उनकी उपलब्धियों से संबंधित समाचारों के कारण मौजूदा छात्र प्रेरणा पाकर प्रोत्साहित होंगे और विश्वविद्यालय में, तथा अपने भावी जीवन में सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ेंगे.

अब तक का सफ़र अच्छा रहा है. हमारे छात्रों में से कुछ नियमित रूप से समाचार पत्र के लिए योगदान दे रहे हैं. हर सेमेस्टर विश्वविद्यालय के संचार विभाग द्वारा न्यूज़लेटर के लिए समाचार लिखने हेतु विशेष रूप से कुछ छात्रों को मनोनीत किया जाता है, उन छात्रों ने भी इस कार्य को संपन्न करने में सराहनीय काम किया है. ऐसे कई अन्य छात्र भी हैं जिन्होंने न्यूज़लेटर के लिए बेहद अच्छा योगदान दिया है जिसके फलस्वरूप यह जीवंत और जानकारीपूर्ण बना है.

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जनसंपर्क अधिकारी के कार्यालय द्वारा किए गए प्रयासों और परिश्रम से ‘यूओएच हेराल्ड’ ने सराहनीय कार्य किया है. एक बटन मात्र को दबाने से तुरंत यह सभी पाठकों तक क्षण भर में पहुँच जाता है.

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सम कुलपति प्रो. विपिन श्रीवास्तव ने बताया कि, राष्ट्रभाषा के सम्मान में इसे द्विभाषी बनाना हमारे लिए गर्व की बात है. उन्होंने आगे कहा कि, यह जानकर मुझे खुशी हो रही है कि हर सेमेस्टर दो छात्र न्यूज़लेटर के साथ इंटर्नशिप करते हैं. यह छात्रों के लिए एक सुनहरा मौका है. इससे उनकी अभिव्यक्ति क्षमता तो तेज होती ही है साथ में उनकी अभिव्यक्ति की क्षमता में निखार भी आएगा. उन्होंने अपनी मंशा अभिव्यक्त करते हुए कहा कि, इंटर्नशिप के लिए छात्रों की संख्या में वृद्धि होनी चाहिए और ये छात्र विभिन्न विभागों एवं संकायों से हो तो और भी अच्छा होगा.

आगे श्रीवास्तव ने कहा कि, न्यूज़लेटर के डिजिटल मोड होने के कारण यह विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों तक ही नहीं बल्कि दुनिया के लोगों तक पहुँच सकता है. इससे वे विश्वविद्यालय की अद्यतन जानकारी पा सकते हैं, दूसरों के साथ अपनी अनुभूतियों को बाँट सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया भी अभिव्यक्त कर सकते हैं. इस अवसर पर उन्होंने इस कार्य को अंजाम देने वाले पीआरओ को और उनकी टीम को शुभकामनाएँ दी.

नियमित रूप से परिसर की गतिविधियों को जानने एवं घटित घटनाओं को व्यापक दृष्टिकोण के साथ पेश करने में ‘यूओएच हेराल्ड’ एक संपूर्ण विकल्प के रूप में उभरा है. समाचार पत्र में प्रकाशित अद्यतन जानकारी को सामाजिक मीडिया के प्लेटफॉर्म पर जैसे फेसबुक, ट्विटर पर भी साझा किया जा रहा है. यह न केवल एक समाचार पत्र है, बल्कि एक सक्रिय मंच है, जहाँ गतिविधियों, घटनाओं और यादों के दस्तावेज विश्व भर में कहीं से भी किसी भी समय केवल एक क्लिक मात्र से आप के सम्मुख पहुँच जाते हैं.