हैदराबाद विश्वविद्यालय – एक प्रतिष्ठित संस्थान (आईओई) – को हाल ही में जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सब्जेक्ट रैंकिंग 2022 में अत्युत्तम रैंक मिला है.
इस साल क्यूएस ने दुनिया भर के 161 स्थानों में स्थित 1,543 विश्वविद्यालयों से 51 विषयों को लेकर विश्लेषण कर के श्रेणीक्रम का प्रकाशित किया है. विषयवार विश्वविद्यालय रैंकिंग का मूल्यांकन पाँच संकेतकों के आधार पर किया गया, जैसे – शिक्षाविदों की प्रतिष्ठा, वैश्विक नियोक्ताओं की ख्याति, विषयवार शोध-पत्र प्रकाशन, ‘एच-इंडेक्स’, जो विश्वविद्यालय के प्रत्येक प्रकाशित विद्वान की उत्पादकता और प्रभाव का निर्धारण करता है और ई) अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क (आईआरएन) जो 5 व्यापक विषय क्षेत्रों में अनुसंधान सहयोग की दक्षता और स्थिरता का मापन करता है. है.वि.वि. का अंग्रेजी विभाग 301-320 श्रेणीक्रम में है तथा लगातार दूसरे वर्ष भी इसने शीर्ष रैंक प्राप्त किया है, रसायन विज्ञान 401-450 श्रेणीक्रम में है तथा जीव विज्ञान 551-600 और भौतिकी 601-610 श्रेणीक्रम में हैं. है.वि.वि. की इन सभी शैक्षणिक इकाइयों ने उच्च-गुणवता कार्य का उत्पादन किया हैं तथा संकाय-सदस्यों ने प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशन का कीर्तिमान स्थापित किया है.
है.वि.वि. ने कला और मानविकी, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान और चिकित्सा, प्राकृतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान तथा प्रबंधन आदि 5 व्यापक विषय क्षेत्रों के अंतर्गत 51 संकीर्ण विषयों में से 36 विषयों में भी भाग लिया.
आई.ओ.ई. विश्वविद्यालय ने लक्ष्य रखा था कि विश्व के विश्वविद्यालयों के श्रेणीक्रम में दुनिया के शीर्ष 500 श्रेणीक्रम में शामिल हो.
है.वि.वि. के कुलपति महोदय प्रो. बी.जे. राव ने कहा कि “मुझे खुशी है कि हमारे विश्वविद्यालय ने अंग्रेजी और रसायन विज्ञान दो विषयों में पहले ही शीर्ष 500 रैंकों में प्रवेश करने के आई.ओ.ई द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल किया है. जीव विज्ञान और भौतिकी भी करीब हैं. हाँ, हम 2021 से ही इन विषयों में पीछे रह गए हैं और यह कुछ चिंता का विषय है. हमें रैंकिंग में वृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए संकाय-सदस्यों / शोधकर्ताओं से बेहतर प्रकाशन सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है और हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुछ कारगर उपाय करेंगे. जैसे कि मैं चाहता हूँ कि प्रकाशनों की संख्या नहीं, बल्कि प्रकाशन का स्थान मायने रखता है, इसलिए किसी भी और हर प्रकाशन की गणना नहीं की जा सकती है. है.वि.वि. ने ‘साहित्यिक चोरी संबंधी शून्य-सहिष्णुता’ नीति भी स्थापित की है जिसे मैं गुणवत्ता नियंत्रण के लिए सही दिशा में एक और कदम के रूप में देखता हूँ.”
उपरोक्त सभी चार विषयों और विशेष रूप से अंग्रेजी और रसायन विज्ञान को बधाई देते हुए, प्रो. राव ने कहा कि ये रैंकिंग हमारे छात्रों को भी कई तरह से सक्षम बनाती है, क्योंकि सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं के निर्देशन में छात्र अपनी नींव को मजबूत करेंगे. आगे उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य विषय भी जो वर्तमान में शीर्ष रैंकिंग पाने में पीछे रह गए हैं, निकट भविष्य में अपनी रैकिंग में वृद्धि अवश्य करेंगे.