हैदराबाद विश्वविद्यालय को डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से ₹5.0 करोड़ का सीएसआर अनुदान मिला है, जिससे इसकी शोध और नवाचार क्षमताओं को बढ़ावा मिला है. यह पहल एचएएल के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत समर्थित है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय प्रासंगिकता के साथ उन्नत तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा देना है.
इस प्रस्ताव की परिकल्पना प्रो. सम्राट सबत और प्रो. सिबा उद्गाता ने की थी, जिसमें प्रो. एम. घनश्याम कृष्ण का महत्वपूर्ण योगदान था. प्रो. सबत आईओई इंटरडिसिप्लिनरी सेंटर के अधीन एआई रिसर्च क्लस्टर में परियोजना के कार्यान्वयन का नेतृत्व करेंगे.
सीएसआर निधि का उपयोग व्यापक अनुसंधान बुनियादी ढाँचे की स्थापना के लिए किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित विशेषताएँ शामिल हैं:
अत्याधुनिक डिजिटल ट्विन रिसर्च लैब.
व्यावहारिक कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रयोगशाला.
डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकियों में छात्रों और शोधकर्ताओं को कुशल बनाने के उद्देश्य से निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं की सुविधा के लिए एक पूरी तरह सुसज्जित सभागार.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.जे. राव ने कहा:
हम हैदराबाद विश्वविद्यालय में अनुसंधान और शिक्षण को मजबूत करने हेतु इस उदार समर्थन के लिए एचएएल के आभारी हैं. आगामी उत्कृष्टता केंद्र डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी में नवाचार और मानव संसाधन विकास के लिए एक राष्ट्रीय संसाधन के रूप में काम करेगा. प्रो. सम्राट सबत, प्रो. सिबा के. उद्गता और प्रो. एम. घनश्याम कृष्ण को उनके प्रयास और उपलब्धि के लिए बधाई.
इस केंद्र का उद्देश्य डिजिटल ट्विन प्रणालियों में अत्याधुनिक अनुसंधान, अंतःविषय सहयोग और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है, जो एयरोस्पेस, स्वास्थ्य सेवा, विनिर्माण और स्मार्ट बुनियादी ढाँचे जैसे क्षेत्रों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं.
अपने दूरदर्शी प्रयास द्वारा हैदराबाद विश्वविद्यालय को यह प्रतिष्ठित अनुदान दिलाने के लिए विश्वविद्यालय प्रो. सम्राट सबत, प्रो. सिबा उद्गता और प्रो. एम. घनश्याम कृष्ण को हार्दिक बधाई देता है.