हैदराबाद विश्वविद्‌यालय में दि. 18 अक्तूबर, 2014 को दिए जाने वाले छठे श्रीनिवास रायप्रोल काव्य पुरस्कार की विजेता रंजनी मुरली, वर्तमान में शिकागो, अमेरीका में रहने वाली एक कवयित्री और शिक्षिका हैं. प्रख्यात कवि और कला समीक्षक, रंजीत होसकोट और हैदराबाद विश्वविद्‌यालय के प्रो. मोहन जी. रमणन और प्रो. सच्चिदानंद मोहंती की जूरी ने इस क्षेत्र के 175 प्रतियोगियों में से विजेता को चुना.

वर्जीनिया के जॉर्ज मेसन विश्वविद्यालय से रंजनी ने कविता में एम.एफ.ए. डिग्री प्राप्त की, जहाँ उन्होंने सृजनात्मक लेखन एवं लेखन परिचय पाठ्‌यक्रम चलाए. आपकी कविताएँ, नॉन-फिक्शन और अनुवाद कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. अभी वे अपने पहले दीर्घ काव्य-संग्रह पर काम कर रही हैं.

श्रीनिवास रायप्रोल पुरस्कार हैदराबाद स्थित श्रीनिवास रायप्रोल साहित्य ट्रस्ट द्‌वारा 20-40 वर्ष की आयु वर्ग में अंग्रेज़ी कविता की उत्कृष्टता की पहचान के लिए स्थापित किया गया था. यह पुरस्कार संयुक्त रूप से हैदराबाद विश्वविद्‌यालय के अंग्रेजी विभाग द्‌वारा दिया जाता है.

यह पुरस्कार श्रीनिवास रायप्रोल साहित्य ट्रस्ट ने वर्ष 2000 में भारत के प्रख्यात अंग्रेजी कवि श्रीनिवास रायप्रोल (आर.एस. मार्तांडम, 1925-1998), की स्मृति में आरंभ किया. 2009 से अब तक एम. अदिति, हेमंत महापात्र, अदिति राव, तुषार जैन और मिहिर वत्स को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

प्रमाणपत्र एवं 15000 रु. का नकद पुरस्कार विजेता को दि. 18 अक्तूबर को शाम 6.00 बजे हैदराबाद विश्वविद्‌यालय में आयोजित होने वाले एक समारोह में प्रदान किए जाएँगे. पुरस्कार विजेता एवं रंजीत होसकोट अपनी रचनाओं को प्रस्तुत करेंगे.