14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत संघ की राजभाषा घोषित किया गया था. इसी कारण सरकारी कार्यालयों में सितंबर माह में प्रति वर्ष इस दिन को ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. पिछले माह हैदराबाद विश्वविद्‌यालय में भी 1 सितंबर से 15 सितंबर तक हिंदी पखवाड़ा आयोजित किया गया. इस अवधि के दौरान राजभाषा हिंदी से जुड़ी कई गतिविधियों का आयोजन किया गया.

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पखवाड़े के शुभारंभ के लिए हिंदी के जाने-माने साहित्यिक डॉ. ऋषभदेव शर्मा जी को आमंत्रित किया गया जिन्होंने ‘राजभाषा हिंदी – मील के पत्थर’ विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया. हैदराबाद विश्वविद्‌यालय के कुलपति महोदय प्रो. अप्पा राव पोदिले ने उद्‌घाटन समारोह की अध्यक्षता की. इस अवसर पर कुलसचिव महोदय श्री. पी. सरदार सिंह समेत कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे. हिंदी अधिकारी डॉ. (श्रीमती) श्री ज्ञानमोटे ने कार्यक्रम का संचालन किया.

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हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कुल 05 प्रतियोगिताएँ विश्वविद्‌यालय के समस्त शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी वर्ग एवं छात्रों के लिए आयोजित की गईं – अनुवाद, श्रुतलेख, टंकण, प्रश्नमंच, और आशुभाषण प्रतियोगिता. इन प्रतियोगिताओं में सभी ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और पुरस्कार जीते.

12 सितंबर को विश्वविद्यालय परिसर में स्थित विशाल डी.एस.टी. सभागार में एक ‘सांस्कृतिक संध्या’ का आयोजन किया गया. इसमें उड़ान परफॉर्मिंग आर्ट्स, हैदराबाद द्वारा ‘एवम् इन्द्रजित्’ नामक बादल सरकार द्वारा लिखित नाटक का मंचन किया गया. इसे दर्शकों ने खूब सराहा.

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14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ मनाया गया. महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री. विभूति नारायण राय इस समारोह की मुख्य अतिथि थे. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सम-कुलपति प्रो. बी.पी. संजय, कुलसचिव महोदय श्री. पी. सरदार सिंह, मानविकी संकाय के अध्यक्ष प्रो. पंचानन मोहंती और हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानंद चतुर्वेदी भी उपस्थित थे. हिंदी प्रतियोगिताओं के पुरस्कार विजेताओं को इस अवसर पर प्रमाणपत्र एवं नकद पुरस्कार वितरित किए गए.

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इस प्रकार वर्ष 2017 का हिंदी पखवाड़ा हैदराबाद विश्वविद्यालय में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. श्री. ए. जीवन, हिंदी शिक्षक, श्री. एस. अरुण कुमार, हिंदी टंकक एवं श्री. टी. श्रीनिवास राव ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया.