पीएच.डी. छात्रों के लिए हैदराबाद विश्वविद्यालय, सामाजिक विज्ञान संकाय के समाजशास्त्र विभाग ने 22 से 31 मार्च, 2017 के दौरान दस दिनों के अनुसंधान क्रियाविधि पाठ्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र सामाजिक विज्ञान संकाय में 22 मार्च, 2017 को आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम इंडियन काउंसिल फॉर सोशल साइंसेज रिसर्च (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित किया गया. इस बहुआयामी कार्यक्रम के उद्देश्य इस प्रकार हैं – (ए) सैद्धांतिक ज्ञान को ताज़ा करते हुए भावी शोध से संबंधित विशिष्ट मुद्दों और क्षेत्रों की पहचान करने में शोधार्थियों की सहायता करना (बी) उचित डेटा और तरीकों (गुणात्मक और मात्रात्मक) का उपयोग करके नवीन कौशलों और क्षमताओं का विकास करना (सी) शोध पत्रों और परियोजना प्रस्तावों को लिखने और प्रकाशित करने के लिए अनुसंधान क्षमता में श्रीवृद्धि करना.
दिए गए विज्ञापन की प्रतिक्रिया में समूचे भारतवर्ष से लगभग 225 पीएचडी कर रहे शोधार्थियों ने पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किया था, जिनमें विभिन्न राज्यों के केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी और अन्य अनुसंधान संस्थानों से संबंधित 40 छात्रों का चयन किया गया. चयनित प्रतिभागी सामाजिक विज्ञान से संबंधित समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, इतिहास, भूगोल, नृविज्ञान, वाणिज्य और जन संचार आदि विषयों में अपनी पीएच.डी. कर रहे हैं.
इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्ष प्रो. अपर्णा रायप्रोल ने की. समाजशास्त्र विभाग के प्रो. जी. नागराजु ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए पाठ्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला. भारतीय समाज शास्त्रीय सोसायटी (आईएसएस) की अध्यक्ष प्रो. सुजाता पटेल ने ‘सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में हाल ही के रुझान’ नामक विषय पर बीज व्याख्यान प्रस्तुत किया. इस कार्यक्रम में विभाग के पूर्व शिक्षक प्रो. ई. हरि बाबू, प्रो. विनोद जयरथ और प्रो. के. लक्ष्मी नारायण आदि शामिल थे. यह कार्यक्रम प्रो. जी. नागराजु और डॉ. सत्यप्रिय राऊत द्वारा समन्वित किया गया है. कार्यक्रम के अंत में समाजशास्त्र विभाग के डॉ. सत्यप्रिय राऊत ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया.