स्टॉकहोम विश्वविद्यालय, स्वीडन में 13 से 17 जून, 2016 के दौरान Presenting the Theatrical Past – Interplays of Artefacts, Discourses and Practices पर इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर थिएटर रिसर्च द्वारा आयोजित होने वाले (IFTR) 2016 सम्मेलन में हैदराबाद विश्वविद्यालय के सरोजिनी नायडू संकाय, नृत्य विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अरुणा भिक्षु Performactive intercessions beyond Religion – a glimpse into Telugu Dance traditions पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत करने के लिए चयनित की गईं हैं.
डॉ. अरुणा भिक्षु अपने शोधपत्र में एशियाई रस्मों और पौराणिक कथाओं का उल्लेख करते हुए भारतीय नृत्य कलाओं के प्रदर्शनों का ब्योरा देंगी. आप हैदराबाद विश्वविद्यालय, नृत्य विभाग के कुचिपुड़ी नृत्य कला के पहले बैच की छात्रा हैं. आपने यहीं (है.वि.वि.) से कुचिपुड़ी अभिनय में पीएच.डी. की उपाधि पाई. आपने तेलुगु फिल्म जगत के प्रसिद्ध जूनियर एनटीआर, राम, इलियाना, नितिन, निखिल, पूनम कौर, पार्वती मेल्टन आदि 25 से अधिक सितारों को नृत्य कला में प्रशिक्षण दिया है.
इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर थिएटर रिसर्च (IFTR) रंगमंच और अभिनय की दुनिया से जुड़ी हस्तियों को अपने सम्मेलनों, कार्यक्रमों और प्रकाशनों द्वारा एकत्र कर रंगमंच अनुसंधान के लिए माध्यम के रूप में सुविधाएँ उपलब्ध कराता है. 1957 में स्थापित इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर थिएटर रिसर्च (IFTR) सबसे पुराना अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संगठन है, जिसमें विश्व स्तर पर सभी महाद्वीपों से 44 देशों के रंगमंच की दुनिया से जुड़े विख्यात व्यक्ति सदस्य हैं. यह फेडरेशन रंगमंच की दुनिया के उद्धार के लिए निरंतर क्षेत्रीय सम्मेलनों, वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और अनुसंधान कार्य समूह संगोष्ठियों का आयोजन करता रहता है. यह स्वयं एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पत्रिका (थियेटर रिसर्च इंटरनेशनल) और पालग्रेव मैकमिलन और रोडोपी प्रकाशनों के सहयोग से दो प्रमुख पुस्तक श्रृंखलाओं को भी प्रकाशित करता है.