अपनी विस्तृत शैक्षिक एवं अनुसंधान उत्कृष्टता के कारण हैदराबाद विश्वविद्यालय को देश के सबसे अभिनव और जीवंत विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता प्राप्त है. विश्वविद्यालय के संकाय दुनिया के सबसे अच्छे शिक्षकों में गिने जाते हैं. फिलहाल विश्वविद्यालय में 253 करोड़ रुपये मूल्य की 246 परियोजनाएँ चल रही हैं.

पिछले दशक (2006-2015) में विश्वविद्यालय अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर उपन्यास अनुसंधान, खोज, नवाचार, छात्रवृत्ति और कलात्मक सृजन जैसे कई क्षेत्रों में अनेक अनुसंधान परियोजनाओं के लिए नए रास्ते प्रशस्त कर रहा है.

देश के सर्वश्रेष्ठ केन्द्रीय विश्वविद्यालय के लिए माननीय राष्ट्रपति द्वारा संस्थापित पहला विज़िटर्स पुरस्कार, वर्ष 2015 के लिए हैदराबाद विश्वविद्यालय को भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री. प्रणब मुखर्जी के कर कमलों द्वारा दिया गया. यह गर्व की बात है कि क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग के अनुसार हैदराबाद विश्वविद्यालय वर्ष 2016 के लिए अंग्रेजी, रसायन विज्ञान और भौतिकी में विश्व का सबसे अच्छा अध्ययन केंद्र माना गया. क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग के अनुसार अंग्रेजी के क्षेत्र में हैदराबाद विश्वविद्यालय ही विश्व रैंकिंग में सूचीबद्ध एक मात्र भारतीय संस्था है.

पिछले दस वर्षों से SCOPUS के डेटा का सावधानी से मूल्यांकन करने पर पता चलता है कि शिक्षकों और शोधार्थियों द्वारा प्रकाशित प्रकाशनों की संख्या में स्थिर वृद्धि देखी जा सकती है (नीचे देखें).

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वर्ष 2006-2015 की अवधि के दौरान SCOPUS में कुल 7134 अनुसंधान दस्तावेज दर्ज किए गए हैं. रसायन विज्ञान में सबसे अधिक 2017 प्रकाशन दस्तावेज दर्ज किए गए जबकि भौतिकी में 1740. उक्त अवधि के दौरान एच सूचकांक 72 के साथ कुल 53,873 प्रभावशाली साइटेशन दर्ज किए गए.

हैदराबाद विश्वविद्यालय की ओर से अत्यधिक प्रकाशनों को प्रकाशित संकायों में जी.आर. देसीराजू; ए. नांगिया; जी. मेहता; एम. पेरियास्वामी; जी.एस. अग्रवाल; एम.एन.वी. प्रसाद; एस.एन. कौल और पी. रेड्डन्ना आदि शामिल हैं. पिछले एक दशक के आँकड़ों में हम देख सकते हैं कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के अनुसंधान परियोजनाओं में चार गुना की वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि के दौरान संकायों की संख्या में मात्र 1.3 गुना की ही वृद्धि देखी जा सकती है. उपर्युक्त आंकड़ों से हमें पता चलता है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के संकाय अनुसंधान उत्कृष्टता के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने और विश्व स्तर पर अपनी पहुँच और प्रभाव का विस्तार करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं.

स्रोत: SCOPUS, हैदराबाद विश्वविद्यालय (2006-2015) के वेब ऑफ़ साइंस और वार्षिक प्रतिवेदनों के द्वारा.