तहरीक-ए-निस्वान का है.वि.वि. में कार्यक्रम

1

इंडिया पाकिस्तान कल्चर कनेक्ट फॉर यूनियन ऑफ हार्ट्‌स कार्यक्रम के कलाकारों द्‌वारा दि. 14 फरवरी, 2014 को हैदराबाद विश्वविद्‌यालय के डी.एस.टी. सभागार में दी गई प्रस्तुति बहुत ही प्रभावशाली रही. भारतीय और पाकिस्तानी कविताओं एवं नाटकों पर आधारित कथक, भरतनाट्‌यम और ओडिसी नृत्य पेश किए गए. यह उनकी पहली प्रस्तुति थी.

2

 है.वि.वि. के विद्‌यार्थी, शिक्षकवर्ग, कर्मचारीवर्ग एवं अन्य उपस्थितों को इस संदेशपरक कार्यक्रम ने जैसे बाँध कर रखा. महिलाओं के अधिकारों की पैरवी करनेवाली संस्था ‘तहरीक-ए-निस्वान’, जिसकी स्थापना वर्ष 1979 में कराची में हुई थी, ने इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया.

   3

 कार्यक्रम में ‘जंग चाहिए या अमन’ कोशिश द्‌वारा मंचित एक नाटक; वेयर दि माइंड इज़ विदाउट फियर : टैगोर की कविता – भरतनाट्‌यम; इस्मत चुगताई की लघु कथा पर आधारित नाटक ‘काफ़िर’; सिंधी झूमर नामक लोक नृत्य आदि शामिल थे. इन्हें प्रस्तुत किया सुश्री शीमा केरमानी (जानी मानी शास्त्रीय नृत्यांगना, नृत्य निर्देशिका, महिलाओं के अधिकारों और शांति आंदोलन की कार्यकर्ता); अन्वर जाफ़री (पाकिस्तान के वरिष्ठ रंगकर्मी); सैमा हयात (अनुसंधानकर्ता एवं पत्रकार); अतीफ हयात (मानवाधिकार, अल्पसंख्यक एवं शांति कार्यकर्ता); ज़हरा बतूलिस (रंगकर्मी); दाऊद सॅम्सन भट्‌टी (तहरीक के अभिनेता एवं नर्तक); सेहरीश भट्‌टी (रंगकर्मी एवं शिक्षक); सुमैरा शहज़ाद (नृत्यांगना एवं रंगकर्मी), आएशा मक़सूदी (छात्रा, नृत्यांगना एवं रंगकर्मी); मो. आसिफ़ (कथक एवं पाकिस्तानी लोकनृत्यों में निपुण); हारिस खान (छात्र एवं रंगकर्मी) आदि कलाकारों ने.

4

5

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. रामकृष्ण रामस्वामी, कुलपति महोदय ने छात्रों, स्टाफ और संकाय के लिए विश्वविद्‌यालय में इस कार्यक्रम के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की. बाद में उन्होंने कलाकारों को सम्मानित किया.

6

 15 और 16 फ़रवरी 2014 को हैदराबाद में प्रदर्शन के बाद यह समूह नई दिल्ली की यात्रा करेगा और 18 और 19 फ़रवरी 2014 को वहाँ पर प्रस्तुतियाँ देगा.