ग्रंथ चोरी विषय पर है.वि.वि. में डॉ. रमेश गौर का व्याख्यान
जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली के पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. रमेश सी. गौर ने दि. 05 मार्च, 2014 को हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय के सम्मेलन कक्ष में ‘ग्रंथ चोरी क्या है और इसे किस तरह रोका जा सकता है?’ विषय पर एक व्याख्यान दिया.
व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य छात्रों में ग्रंथ चोरी के बारे में जागरूकता लाना था, जिससे वे ग्रंथ चोरी से बच सकें और तकनीक की मदद से उसका पता लगा सकें. सबसे पहले तो वक्ता ने विभिन्न प्रकार की ग्रंथ चोरी की चर्चा की. उन्होंने कहा कि कभी कभी छात्र अनजाने ही ग्रंथ चोरी कर बैठते हैं या फिर उन्हें लेखन की नैतिकता का पता ही नहीं होता. इसके बाद डॉ. गौर ने ग्रंथ चोरी के विविध कारणों को समझाने की कोशिश की, जैसे योजना का अभाव, अध्ययन की गलत पद्धति, शैक्षणिक अनुशासन का न होना आदि. उन्होंने स्व-ग्रंथ चोरी की गंभीरता की ओर भी इशारा किया.
व्याख्यान में आगे जे.एन.यू. की ग्रंथ चोरी के खिलाफ नीति के बारे में बताया गया कि कैसे प्रत्येक शोध ग्रंथ को एक सॉफ्टवेयर ‘टर्निटिन’ से जाँचा जाता है. इन शोध ग्रंथों को ज्ञान तक सुलभ पहुँच के उद्देश्य से ‘शोधगंगा’ पर अपलोड भी किया जाता है.
वक्ता का स्वागत कुलपति महोदय ने किया. इंदिरा गांधी स्मारक पुस्तकालय के कर्मचारियों और शोधार्थियों ने इस विषय पर अपने सवालों पर डॉ. गौर से चर्चा की.