हैदराबाद विश्वविद्यालय, तेलुगु विभाग के अतिथि संकाय डॉ. मल्लेगोडा गंगा प्रसाद के नेतृत्व में 10 अप्रैल, 2016 को हैदराबाद विश्वविद्यालय, एकीकृत अध्ययन केंद्र में ‘तेलुगु काव्य शास्त्रम् – परिचयम्’ (तेलुगु काव्य शास्त्र का परिचय) शीर्षक से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
इस संगोष्ठी में एकीकृत मास्टर डिग्री, छठे सेमेस्टर के छात्रों ने विभिन्न विषयों पर बीस शोध पत्र प्रस्तुत किए. जिसमें दिनेश ने – काव्यशास्त्र प्रयोजनालू – अध्ययन आवश्यकता पर, पुरुषोत्तम ने – रेतुलु पकमुलु – विश्लेषण पर, वेंकटेश ने – ध्वनि सिद्धान्तम् पर, भाग्यश्री ने – काव्य स्वरूपा स्वभावालू प्रयोजनालू पर, जगराम ने – काव्य कला परिचयम् पर, नसरीन ने – विभावादुला परिचयम् पर, नुसरत बानो ने – नव रसालू चर्चा आदि पर अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए. इस संगोष्ठी में लगभग साठ छात्रों ने भाग लिया.
इस संगोष्ठी का मूल उद्देश्य था छात्रों को प्राचीन तेलुगु आलोचना साहित्य के महत्व को समझाना और संगोष्ठी का संचालन करना तथा मंच पर भाषण देने के भय को दूर कर छात्रों में अपने शोधपत्रों तथा अपने विषय को दूसरों के सम्मुख प्रस्तुत करने की क्षमता पैदा करना.