हैदराबाद विश्वविद्यालय पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र (UCESS) के अध्यक्ष प्रो. एम. जयानंदा को खान मंत्रालय, भारत सरकार ने भूविज्ञान के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें जियोसाइंस सलाहकार परिषद (जीएसी) के सदस्य रूप में नामित किया है.

पिछले 30 वर्षों से प्रो. जयानंदा ने दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत पर व्यापक अनुसंधान किया, जिसके ज़रिए हमें प्रारंभिक महाद्वीपों की उत्पत्ति को तथा जलवायु और टेक्टोनिक्स की परस्पर क्रिया को समझने और वातावरण में विशेष रूप से ऑक्सीजन युक्त वातावरण से ऑक्सीजन की कमी वाले वातावरण में बदलने के परिणामों को समझने में काफी सहायता मिली.

हैदराबाद विश्वविद्यालय में कार्य करने से पूर्व प्रो. जयानंदा ने दिल्ली विश्वविद्यालय (2010-2014) में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया था. आपने बेंगलुरू विश्वविद्यालय में 15 वर्षों की सेवा की है. इसके अतिरिक्त आपने फ्रांस, जापान और ताइवान आदि देशों के अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में लगभग 6 साल काम किया.

प्रो. जयानंदा ने विभिन्न राष्ट्रीय (डीएसटी, सीएसआईआर यूजीसी) और अंतरराष्ट्रीय (यूनेस्को- आईयूजीएस) विज्ञान समितियों में सदस्य के रूप में सेवा की. आपने वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय को एडिटर-इन चीफ, एसोसिएट एडिटर और कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य कर बौद्धिक नेतृत्व भी किया. आपने इसके अतिरिक्त यूनेस्को आईजीसीपी, जेएसपीएस, सीएनआरएस और सीईएफआईपीआरए द्वारा वित्त पोषित वैश्विक विज्ञान परियोजनाओं में नेता / सह-नेता के रूप में भी भाग लिया.

हैदराबाद विश्वविद्यालय में पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान की स्थापना 2004 में की गई. तब से यह केंद्र पृथ्वी, महासागरों और वातावरण से संबंधित विषयों में शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. विशेषकर ठोस पृथ्वी की गतिशीलता और विकास, प्राकृतिक संसाधन, मिट्टी और पानी की व्यवस्था, पर्यावरण, महासागर और उनका वातावरण तथा इसकी वैश्विक जैव विविधता आदि विषयों पर शोध कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. केंद्र ने हाल ही में भूभौतिकीय डेटा के माध्यम से जलवायु और टेक्टोनिक्स, मौसम और जलवायु भविष्यवाणी, उष्णकटिबंधीय चक्रवात मॉडलिंग, तटीय खतरे और बेसिन लक्षण वर्णन आदि की परस्पर क्रिया पर नए अनुसंधान गतिविधियों का आयोजन कर रहा है. केंद्र विभिन्न अनुसंधान एवं विकास संस्थानों (परमाणु खनिज निदेशालय, राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र, राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान) के सहयोग से प्रतिस्पर्धात्मक और गुणवत्ता युक्त शिक्षण प्रदान करने के लिए प्रयास कर रहा है. केंद्र ओक्लाहोमा विश्वविद्यालय, राइस विश्वविद्यालय (यूएसए), ऐक्स मार्सिले यूनिवर्सिटी, मोंटपेलियर यूनिवर्सिटी तथा डी पॉल सबाटियर यूनिवर्सिटी (फ्रांस), नेशनल ताईवान यूनीवर्सिटी और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ मिलकर वैश्विक प्रासंगिकता की विषयगत मुद्दों को साथ में लिए राष्ट्रीय हित के लिए कार्य कर रहा है.

प्रो. जयानंदा जी से संपर्क करने के लिए ईमेल: mjayan.geol@gmail.com तथा मोबाइल: +91-9560714425; +91-9448865700 का प्रयोग सकते हैं.