हैदराबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति गोवर्धन मेहता को जर्मनी के प्रतिष्ठित ‘क्रॉस ऑफ दि ऑर्डर ऑफ मेरिट’ उपाधि से सम्मानित किया गया है.
Achim Fabig, जर्मन काउंसुल जनरल, चेन्नई ने यह सम्मान – क्रॉस ऑफ दि ऑर्डर ऑफ मेरिट – प्रो. गोवर्धन मेहता को प्रदान किया.
फेडरल प्रेसिडेंट थियोडॉर ह्यूस द्वारा वर्ष 1951 में ‘दि ऑर्डर ऑफ मेरिट ऑफ दि फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी’ की स्थापना की गई थी. किसी व्यक्ति को राजनीति, अर्थशास्त्र, सामाजिक अथवा बौद्धिक क्षेत्र की उपलब्धियों के लिए फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी द्वारा दिया जाने वाला यह सर्वश्रेष्ठ सम्मान है.
रसायन विज्ञान के क्षेत्र में प्रो. मेहता का बहुत नाम है. वे अभी हैदराबाद विश्वविद्यालय में नॅशनल रीसर्च प्रोफेसर और लिली-जुबिलंट चेयर प्रोफेसर हैं. आपने पुणे से पीएच.डी. की डिग्री ली और मिचीगन तथा ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में आगे का शोध किया. आईआईटी कानपुर से करियर की शुरूआत करने के बाद वे हैदराबाद विश्वविद्यालय आए और 1994-9198 के दौरान यहाँ के कुलपति बने. आपने भारत में विज्ञान शिक्षा, विज्ञान नीति, उच्च शिक्षा की योजना एवं प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया है.
प्रोफेसर मेहता रॉयल सोसायटी के फेलो और रशियन अकेडमी ऑफ साइंसेस के विदेशी सदस्य हैं. इसके अलावा वे भारत में भी तीन सोसायटी के सदस्य हैं और आई.एन.एस.ए. के अध्यक्ष रह चुके हैं. भारत के राष्ट्रपति द्वारा ‘पद्मश्री’ और फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा Chevalier de la Legion d’Honneur सम्मान प्रो. मेहता को दिया गया है. कई जानी-मानी यूनिवर्सिटीज़ ने आपके अनुभव और ज्ञान से लाभ पाया है. आपने 30 से भी अधिक पदक/पुरस्कार प्राप्त किए हैं और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कई जर्नल्स के संपादकीय मंडल के सदस्य भी रहे हैं.