हैदराबाद विश्वविद्यालय के दो छात्र रमेश धीरावत और माधव काकानी का बर्गन समर रिसर्च स्कूल (BSRS)- 2016 के लिए चयन हुआ है. वे दोनों बर्गन विश्वविद्यालय, नॉर्वे में 13 – 24 जून, 2016 के दौरान आयोजित पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए चयनित भारतीय 18 छात्रों में शामिल हैं. BARS-2016 ने इस सत्र को ‘पानी, जलवायु और समाज’ विषय के लिए समर्पित किया है.

बर्गन समर रिसर्च स्कूल ने इस पाठ्यक्रम के लिए शैक्षणिक योग्यता और वैज्ञानिक गुणवत्ता के आधार पर 41 विभिन्न देशों से 133 छात्रों को चयन किया. माधव काकानी हैदराबाद विश्वविद्यालय के सामाजिक बहिष्कार और समावेशी नीति अध्ययन केंद्र में पीएच.डी. कर रहे हैं जबकि रमेश धीरावत दर्शन विभाग में पीएच.डी. कर रहे हैं.

Madhava Kakani

Madhava Kakani

बर्गन समर रिसर्च स्कूल (BSRS) वैश्विक चुनौती से संबंधित विषयों पर शोध कर रहे पीएच.डी. के शोधार्थियों के लिए वैश्विक विकास की चुनौतियों पर वार्षिक डॉक्टरेट पाठ्यक्रम की पेशकश कर रहा है. बर्गन विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम को द नार्वेजियन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (NHH), द क्रिस्टि मिकेलसन संस्थान, बर्गन यूनिवर्सिटी कॉलेज और विश्वविद्यालय अनुसंधान के सहयोग से आयोजित कर रहा है.

Ramesh Dheeravath

Ramesh Dheeravath

इस वर्ष बर्गन समर रिसर्च स्कूल (BSRS) मानविकी के प्राकृतिक, स्वास्थ्य और सामाजिक विज्ञान जैसे सात समानांतर पाठ्यक्रम का आयोजन कर रहा है. बर्गन समर रिसर्च स्कूल प्रतिभागियों के लिए एक अनूठा माहौल तैयार कर विभिन्न चर्चा-गोष्ठियों द्वारा उनकी समझ में श्रीवृद्धि करना चाहता है. पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में ग्लेशियरों का पता लगाने के लिए पश्चिमी नॉर्वे के पानी का दृश्य देखने के लिए शैक्षिक भ्रमण की व्यवस्था भी की गई है.

पूरी यात्रा के दौरान चयनित छात्रों द्वारा हवाई यात्रा, आवास, स्थानीय परिवहन वगैरह के लिए किया गया खर्च बर्गन समर रिसर्च स्कूल ही वहन करेगा. इस पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए चयनित छात्र 9 जून, 2016 को भारत से रवाना हो चुके हैं.

बर्गन समर रिसर्च स्कूल से संबंधित अधिक जानकारी के लिए http://www.uib.no/rs/bsrs वेब साइट से जुड़ सकते हैं.