हिन्दी फ़िल्म उद्योग के प्रसिद्ध अभिनेता पंकज त्रिपाठी के साथ हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने 29 अगस्त, 2013 को हैदराबाद विश्वविद्यालय के मानविकी सभागार में एक चर्चा–गोष्ठी की । त्रिपाठी ने गॉग्स ऑफ वासेपुर, दबंग-2, फुकरे आदि फिल्मों में अभिनय किया ।
त्रिपाठी का जन्म बिहार के गोपालगन शहर के समीप बेलसन नाम गाँव में हुआ था । उन्होंने छात्रों से बताया कि उनके गाँव में एक टेलीविजन तक नहीं था । उनके गाँव से नज़दीकी थिएटर 25 कि.मी. से अधिक दूर था । उनके माता–पिता किसान हैं पर त्रिपाठी अभिनय की ओर उन्मुख थे । नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में भर्ती होने से पहले ही उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में थिएटर कलाकार के रूप में काम किया था ।
त्रिपाठी ने फिल्म उद्योग में प्रवेश करने के लिए उन दिनों किए अपने संघर्ष का बयान किया । 2005 की अपहरण उनकी पहली फ़िल्म थी । रंगमंच से फ़िल्मी दुनिया तक के अपने सफ़र के बारे में दर्शकों को बताया ।
त्रिपाठी ने आगे फ़िल्म निर्माण से जुड़े अनेक तकनिकी पहुलुओं पर भी थी छात्रों से जि़क्र किया जिसमें जनता v/s जनार्धन, गैंग्स ऑफ़ वासेपुर आदि के उदाहरण देकर कैमरे के आगे और कैमरे के पीछे की पृष्ठभूमी तथा कैमरे का महत्व भी बताया । अन्त में छात्रों को शुभकामनाएँ देते हुए अपनी यादगार बातचीत को समाप्त किया ।