भारत के माननीय उप राष्ट्रपति, श्री. एम. वेंकैया नायड़ु ने शिक्षा और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में मातृभाषा के प्रयोग से उसका संवर्धन करने की आवश्यकता पर बल दिया. वे ‘Knowledge Creation: Mother Tongue’ नामक ऑनलाइन वेबिनार का उद्घाटन कर रहे थे, जिसे हैदराबाद विश्वविद्यालय के तेलुगु विभाग और तेलुगु अकादमी ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था. श्री. नायड़ु ने प्रत्येक राज्य से आग्रह किया कि वे अपनी-अपनी राजभाषा के प्रयोग में गति लाएँ.
उन्होंने कहा कि भाषा सभ्यता की जीवनरेखा के समान होती है, जो हमारी पहचान, संस्कृति और लोक परंपरा की वाहक होती है. संगीत, नृत्य, रीति-रिवाज, त्यौहार, पारंपारिक ज्ञान और धरोहर में भाषा की महती भूमिका होती है. प्राथमिक स्तर की शिक्षा केवल मातृभाषा में देने की सिफारिश करते हुए आपने कहा कि भाषा के प्रयोग से ही उसकी लोकप्रियता बढ़ती है. उन्होंने कहा कि यह केवल भ्रम है कि अंग्रेजी में शिक्षा प्राप्त करने से ही प्रगति होती है. शोध बताते हैं कि जो लोग अपनी मातृभाषा अच्छी तरह जानते हैं, उन्हें दूसरी भाषाएँ सीखने में भी आसानी होती है.
डीआरडीओ के अध्यक्ष, डॉ. जी. सतीश रेड्डी; शांता बायोटेक फार्मा कंपनी के अध्यक्ष, श्री. के.एल. वरप्रसाद रेड्डी; तेलुगु अकादमी के निदेशक, श्री. एस. सत्यनारायण रेड्डी आदि ने है.वि.वि. के कुलपति प्रो. अप्पा राव पोदिले की उपस्थिति में इस वेबिनार में भाग लिया.
हैदराबाद विश्वविद्यालय के तेलुगु विभाग के शिक्षक, अन्य शिक्षाविद एवं शोध छात्र दि. 29-30 जुलाई को आयोजित हो रहे इस दो-दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार में अपने प्रपत्र प्रस्तुत करेंगे.
माननीय उप राष्ट्रपति महोदय का संदेश इस लिंक पर उपलब्ध है –
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1642002#.XyEzvfb51Ag.whatsapp