हैदराबाद विश्वविद्यालय (UoH), इंजीनियरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी (SEST) में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत डॉ. देबाशीष दास ने वैश्विक प्रतिस्पर्धा के आधार पर फ्रांसीसी सरकार से ‘Make Our Planet Great Again’ नामक अल्पावधि कार्यक्रम के लिए फेलोशिप प्राप्त की है. वे इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले दो भारतीयों में से एक हैं. दूसरे व्यक्ति भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू में प्रोफेसर हैं.

डॉ. दास ग्रहीताओं की मुख्य सूची में शामिल हैं और 350 से अधिक उम्मीदवारों में से चुने गए हैं. दिसंबर, 2018 में वे बूलॉन, कलैस, डनकर्क तथा सेंट ओमेर में स्थित फ्रांसीसी विश्वविद्यालय लिटोरल ओपल कोस्ट विश्वविद्यालय,

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जिसे ULCO भी कहा जाता है, में ‘Lead-free ceramics for low-loss capacitors dedicated to electrical energy storage’ विषय पर काम करेंगे. इस परियोजना का लक्ष्य हाई फेर्रोइलेक्ट्रिक पैराइलेक्ट्रिक ट्रांसिशन टेम्परेचर, लो डाइइलेक्ट्रिक लॉस, हाई केपासिटेंस, हाई थर्मल स्टेबिलिटी ऑफ डाइइलेक्ट्रिक प्रॉपर्टीज़ के साथ लेड-फ्री फेरोइलेक्ट्रिक सिरेमिक बनाना है जिसमें उच्च तापमान और उच्च ऊर्जा भंडारण अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त उच्च ऊर्जा घनत्व को बनाए रखा जा सके.

फ़्रांस के यूरोप और विदेश मंत्रालय (MEAE) तथा उच्च शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार मंत्रालय (MESRI) ने मिलकर फ्रांस अनुसंधान संस्थानों में पृथ्वी प्रणाली, जलवायु परिवर्तन और स्थिरता तथा ऊर्जा संक्रमण पर अल्पावधि शोध करने के इच्छुक विदेशी वैज्ञानिकों के लिए एक कार्यक्रम बनाया है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत अगस्त से दिसंबर, 2018 तक अल्पावधि शोध करने हेतु लगभग 40 व्यक्तियों को वित्तीय सहायता मिलेगी.

इस कार्यक्रम के तहत तीन व्यापक अनुसंधान विषयों को प्राथमिकता दी गई है:- पृथ्वी प्रणाली, जलवायु परिवर्तन तथा स्थिरता और ऊर्जा संक्रमण.

1 जून, 2017 को फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति श्री. इमैनुअल मैक्रॉन ने Make Our Planet Great Again पहल की शुरूआत की. इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन आंदोलन से जुडे विद्यार्थियों, शोधार्थियों, उद्यमियों, संगठनों तथा गैर-शासकीय संगठनों के प्रति फ्रांस का समर्थन व्यक्त करना था. इस पहल के प्रति दुनिया भर में बड़ा उत्साह दिखाया गया है तथा makeourplanetgreatagain.fr मंच पर शामिल होने के लिए 11,000 से ज्यादा नेटिज़नों ने रुचि व्यक्त की है, जिनमें शोधार्थी और विद्यार्थी शामिल थे. इन 5,000 संदेशों में से, करीब 1,800 अध्ययन या फ्रांस में अल्पावधि कार्यक्रम या फ्रांस शोध दल के साथ सहयोग के लिए पूर्ण आवेदन थे.

कार्यक्रम संबंधी अधिक जानकारी के लिए देखें:
https://www.campusfrance.org/en/short-stays-14-days-to-5-months-for-foreign-researchers