हैदराबाद विश्वविद्यालय के राजभाषा कक्ष द्वारा 31 अगस्त को हैदराबाद विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित प्रशासनिक भवन में विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षक एवं अधिकारी समूह के लिए एक-दिवसीय राजभाषा कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का संचालन जाने-माने तकनीकविद् श्री. बालेन्दु शर्मा दाधीच ने किया.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अप्पा राव पोदिले ने उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष का भार संभाला. हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. आर.एस. सर्राजू एवं कुलसचिव महोदय श्री. पी. सरदार सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे. हिंदी अधिकारी डॉ. (श्रीमती) श्री ज्ञानमोटे ने उद्घाटन सत्र का संचालन किया.
प्रो. अप्पा राव पोदिले ने अभिभाषण में कहा कि विश्वविद्यालय में हिंदी के कार्यान्वयन के सभी प्रयास किए जा रहे हैं, हालाँकि इसमें और संभावनाएँ हैं. उन्होंने मुख्य अतिथि एवं सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं.
प्रो. आर.एस. सर्राजू ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय भाषाएँ शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी सेवाएँ देने को तत्पर हैं. तकनीक इसे संभव बना सकती है. आज मनुष्य मशीन से संवाद स्थापित कर रहा है. जिससे अनुवाद की आवश्यकता सदैव बनी रहती है.
माइक्रोसॉफ़्ट के साथ लोकलाइज़ेशन लीड़ के रूप में कार्यरत श्री. शर्मा ने बहुत उपयोगी जानकारियाँ प्रतिभागियों के साथ साझा कीं. दोनों सत्रों में विचारों के आदान-प्रदान से सभी लाभान्वित हुए.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अप्पा राव पोदिले ने कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए और उन्हें काम-काज में हिंदी करने के लिए प्रेरित किया. इस कार्यशाला में ‘हिंदी कक्ष’ में सेवारत हिंदी अनुवादक श्री. जे.जे. प्रसन्ना सिंह, हिंदी शिक्षक श्री. ए. जीवन और हिंदी टंकक श्री. एस. अरुण कुमार एवं श्री. टी. श्रीनिवास राव ने बहुमूल्य योगदान किया.