किसी भी आर्थिक स्थिति में अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए लगभग सभी बड़े संस्थानों को जोखिम प्रबंधकों की आवश्यकता पड़ती है. इसलिए वित्तीय जोखिम प्रबंधकों के लिए वित्तीय जोखिम प्रबंधन पाठ्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिससे उन्हें औरों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा में बने रहने का अच्छा अवसर मिलता है.
सिटीबैंक, बेंगलुरू में मॉडेल रिस्क मैनेजमेंट टीम में कार्यरत जितेंद्र कौशिक अपना अनुभव बताते हैं, “बैंक के क्रेडिट कार्ड बिज़नेस के लिए क्रेडिट निर्णयों के सांख्यिकीय मॉडेल्स को मान्यता देना हमारा काम होता है.”
वे आगे बताते हैं, “इस क्षेत्र में करियर की कई संभावनाएँ हैं, खासकर अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, गणित और प्रबंधन से जुड़े कुछ विशेष विषयों के लिए – प्रतिगमन, अर्थमिति या समय श्रृंखला विश्लेषण, आदि. जब आप रोजगार पाने के लिए निकलते हैं, तब जोखिम प्रबंधन के लिए विश्व में मान्यताप्राप्त इस पाठ्यक्रम से आप सबसे आगे बने रह सकते हैं.”
कौशिक ने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर (2013) और एम.फिल. (2014) डिग्री हैदराबाद विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र संकाय से प्राप्त की. उन्हें ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ रिस्क प्रोफेशनल्स (जीएआरपी) से एफआरएम प्रमाणपत्र भी मिला है, जो वित्तीय जोखिम के क्षेत्र में वैश्विक मानक माना जाता है.
इस पाठ्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कौशिक ने कहा, “जीएआरपी द्वारा चलाया जाने वाला एफआरएम पाठ्यक्रम एक ऑफलाइन प्रमाणन पाठ्यक्रम है, जिसमें दो स्तर की परीक्षाएँ होती हैं. इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने की कोई विशेष विधि नहीं है और उत्तीर्ण होने के लिए आवश्यक अंक भी हर वर्ष बदल सकते हैं. एक बार प्राप्त प्रमाणपत्र आजीवन वैध होता है. परीक्षा दो भागों में होती है. पहले भाग में समान अंक वाले 100 बहुविकल्पी प्रश्न होते हैं. दूसरे भाग में समान अंक वाले 80 प्रश्न होते हैं. प्रत्येक भाग को हल करने के लिए परीक्षार्थी को चार घंटे का समय दिया जाता है.”
परीक्षा के दोनों भाग, भाग-I और भाग-II वर्ष में दो बार, मई और नवंबर माह के तीसरे शनिवार को आयोजित किए जाते हैं. किसी भी शैक्षिक पृष्ठभूमि के छात्र एफआरएम परीक्षा में उपस्थित रह सकते हैं और इसके लिए पूर्वपंजीयन की कोई शर्त नहीं है. बारहवीं पास/स्नातक/स्नातकोत्तर छात्र इस पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण कर सकते हैं.
“इसके अलावा एफआरएम पाठ्यक्रम के लिए किसी संस्था के साथ दो वर्ष का अनुभव की आवश्यकता होती है. परीक्षा को दोनों भाग पूर्ण करने से पहले या बाद में यह अनुभव प्राप्त किया जा सकता है, किंतु समय-सीमा 5 वर्ष की होती है.” कौशिक ने बताया.
फिलहाल इस परीक्षा के लिए 100 केंद्र हैं, जो भारत के सात अलग-अलग शहरों में स्थित हैं. हैदराबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, नई दिल्ली और पुणे.
प्रत्येक स्तर के लिए लगभग 350 यूएस डॉलर की फीस है. तथापि, शुरूवात में ही पंजीकरण शुल्क के रूप में 400 यूएस डॉलर्स देने पड़ते हैं, जिसे लौटाया नहीं जाता.